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ओमेगा-3 फैटी एसिड: क्या यह वास्तव में सेहत के लिए फायदेमंद है?

ओमेगा-3 फैटी एसिड को स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद माना जाता है, लेकिन हाल की रिसर्च ने इसके संभावित हानिकारक प्रभावों को उजागर किया है। अध्ययन में पाया गया है कि ओमेगा-3 और ओमेगा-6 फैटी एसिड का संतुलन बनाए रखना आवश्यक है। क्या ये फैटी एसिड वास्तव में हमारे स्वास्थ्य के लिए उतने फायदेमंद हैं जितना पहले समझा जाता था? इस लेख में जानें नई रिसर्च के निष्कर्ष और उनके स्वास्थ्य पर प्रभाव।
 

स्वस्थ जीवन के लिए पोषण का महत्व

स्वस्थ रहने के लिए संतुलित आहार और सही जीवनशैली अपनाने की सलाह दी जाती है। हर पोषक तत्व का शरीर पर अलग-अलग प्रभाव होता है, जिसमें विभिन्न विटामिन, खनिज, आवश्यक वसा और एंटीऑक्सीडेंट शामिल हैं। इनकी कमी या अधिकता से स्वास्थ्य पर गंभीर असर पड़ सकता है।


ओमेगा-3 फैटी एसिड का महत्व

ओमेगा-3 फैटी एसिड एक आवश्यक वसा है, जो मछली, नट्स और कुछ अन्य खाद्य पदार्थों में पाया जाता है। इसके तीन प्रकार होते हैं: अल्फा-लिनोलेनिक एसिड, ईकोसापेंटेनोइक एसिड और डोकोसाहेक्सैनोइक एसिड। यह माना जाता है कि ओमेगा-3 हार्ट स्वास्थ्य को बनाए रखने और संबंधित बीमारियों के जोखिम को कम करने में सहायक है। हालाँकि, हाल की कुछ शोधों ने इसके विपरीत परिणाम दर्शाए हैं।


हेल्दी फैट के स्रोत

नट्स, एवोकाडो और तैलीय मछलियाँ जैसे सैल्मन, मैकेरल और टूना ओमेगा-3 फैटी एसिड के अच्छे स्रोत माने जाते हैं। ये हार्ट और समग्र स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होते हैं। लेकिन हाल की एक अध्ययन में यह पाया गया है कि ये उतने फायदेमंद नहीं हो सकते जितना पहले समझा जाता था। शोध में यह भी बताया गया है कि ओमेगा फैटी एसिड सूजन से जुड़ा हो सकता है, जिससे मोटापा, टाइप 2 डायबिटीज और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ सकता है।


शोध के निष्कर्ष

एक अध्ययन, जो इंटरनेशनल जर्नल ऑफ एपिडेमियोलॉजी में प्रकाशित हुआ, में पाया गया कि ओमेगा-3 और ओमेगा-6 पॉलीअनसैचुरेटेड फैटी एसिड (पीयूएफए) दोनों ही शरीर में ग्लाइकोप्रोटीन एसिटाइल (ग्लाइका) के स्तर को बढ़ा सकते हैं, जिससे हार्ट से जुड़ी समस्याओं का खतरा बढ़ सकता है।


शोधकर्ताओं ने 1991 से एवन में 14,000 से अधिक परिवारों की सेहत पर नज़र रखी। 24 साल बाद, उन्होंने डेटा एकत्र किया। धूम्रपान और अन्य अस्वास्थ्यकर आदतों को ध्यान में रखते हुए, वैज्ञानिकों ने पाया कि ओमेगा-6 से भरपूर आहार ग्लाइका के स्तर को बढ़ा सकता है, जो सूजन, कैंसर और हार्ट समस्याओं का कारण बन सकता है।


रिसर्च की प्रमुख बातें

इस अध्ययन की प्रमुख शोधकर्ता डेसी क्रिक, जो क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी में मॉलिक्यूलर साइंस की विशेषज्ञ हैं, ने कहा कि शोध के परिणाम उतने सरल नहीं हैं जितना समझा जाता है। ओमेगा-3 फैटी एसिड सूजन कम करने में मदद करता है, जबकि ओमेगा-6 को प्रो-इंफ्लामेट्री पाया गया है। उन्होंने सुझाव दिया कि सूजन को कम करने और हार्ट डिजीज के जोखिम को घटाने के लिए दोनों प्रकार के फैट के बीच संतुलन बनाना आवश्यक है।