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ओमान में भारतीय लड़कियों का दर्दनाक अनुभव: 18 घंटे काम और यौन शोषण

जालंधर की कुछ लड़कियों ने ओमान में अपने अनुभव साझा किए हैं, जहां उन्हें 17-18 घंटे काम करने के साथ-साथ यौन शोषण का सामना करना पड़ा। ये लड़कियां एक ट्रेवल एजेंट के माध्यम से वहां गई थीं, लेकिन वहां पहुंचते ही उनका पासपोर्ट छीन लिया गया और उन्हें बुरी तरह से शोषित किया गया। जानें उनकी दर्दनाक कहानी और विदेश में काम करने के खतरों के बारे में।
 

विदेश में काम करने का खतरनाक अनुभव

‘Sheikhs’ had made life hell, 18 hours work and then later ‘service’ in bedroom


जालंधर से आई एक दिल दहला देने वाली कहानी में, कुछ लड़कियों ने ओमान में अपने अनुभव साझा किए हैं। इनका कहना है कि उन्हें वहां 17 से 18 घंटे काम करना पड़ा और इस दौरान उनका यौन शोषण भी हुआ।


यदि आप किसी ट्रेवल एजेंट के माध्यम से विदेश में नौकरी की तलाश कर रहे हैं, तो उसकी विश्वसनीयता की जांच अवश्य करें। भारत के विभिन्न हिस्सों से लोग विशेष रूप से दुबई, ओमान, आबूधाबी और मस्कट जैसे देशों में काम की तलाश में जाते हैं, लेकिन अक्सर उन्हें बुरे अनुभवों का सामना करना पड़ता है।


पीड़ित लड़कियों में से कुछ, जैसे चरणजीत कौर और संदीप कौर, दिल्ली के एक ट्रेवल एजेंट के माध्यम से ओमान भेजी गई थीं। उन्हें वहां एक महिला नीलू के पास भेजा गया, जो मूल रूप से दिल्ली की रहने वाली है।


लड़कियों ने बताया कि वे ओमान पहुंचने पर खुश थीं, लेकिन वहां उनका पासपोर्ट छीन लिया गया। नीलू ने उन्हें विभिन्न स्थानों पर काम करने के लिए भेजा, जहां उनका काम एक तरह से नरक बन गया। उन्हें बहुत काम कराया गया, लेकिन कोई पैसा नहीं मिला।


चरणजीत ने कहा कि उसके पास 50 हजार रुपये थे, जो भी छीन लिए गए। ये लड़कियां अमृतसर, संगरूर और बटाला से हैं। नीलू इन लड़कियों को 1500 रियाल में बेच देती थी, जो भारतीय मुद्रा में लगभग ढाई लाख रुपये होते हैं। मालिकों ने उनके साथ गुलामों जैसा व्यवहार किया और उन्हें सुबह से रात तक काम करने पर मजबूर किया। नीलू पर आरोप है कि वह कई भारतीय लड़कियों को शेखों को बेच देती थी, जहां उन्हें भयानक यातनाएं दी जाती थीं।