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ओडिशा में योग को पाठ्यक्रम में शामिल करने की पहल

ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने राज्य में योग को स्कूल पाठ्यक्रम और सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों में शामिल करने की योजना का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि योग केवल एक शारीरिक अभ्यास नहीं है, बल्कि यह शरीर, मन और आत्मा को सक्रिय रखने का एक महत्वपूर्ण साधन है। इस पहल का उद्देश्य लोगों को स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रेरित करना है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में 10,000 से अधिक लोगों ने भाग लिया। मुख्यमंत्री ने योग के महत्व और इसके वैश्विक पहचान में प्रधानमंत्री मोदी के योगदान पर भी प्रकाश डाला।
 

योग का महत्व और ओडिशा सरकार की पहल

ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने शनिवार को बताया कि राज्य सरकार स्कूलों के पाठ्यक्रम और सार्वजनिक स्वास्थ्य योजनाओं में योग को शामिल करने की दिशा में कदम उठा रही है, क्योंकि यह एक स्वस्थ, आत्मनिर्भर और सक्षम भारत के निर्माण में सहायक है।


मुख्यमंत्री ने कलिंगा स्टेडियम में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर आयोजित राज्य स्तरीय समारोह में कहा कि योग केवल एक शारीरिक क्रिया नहीं है, बल्कि यह शरीर, मन और आत्मा को सक्रिय रखने का एक साधन है।


इस कार्यक्रम का आयोजन ओडिशा सरकार के खेल एवं युवा मामलों के विभाग द्वारा किया गया था, जिसमें मंत्री, विधायक, वरिष्ठ अधिकारी, छात्र, महिलाएं और अन्य नागरिकों सहित 10,000 से अधिक लोगों ने भाग लिया।


माझी ने कहा, “हम ओडिशा में योग को सभी तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं। स्कूलों, कॉलेजों, छात्रावासों और खेल केंद्रों में योग के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। हम इसे पाठ्यक्रम और स्वास्थ्य कार्यक्रमों में भी शामिल कर सकते हैं।”


उन्होंने यह भी कहा कि इन पहलों के माध्यम से लोगों को स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।


माझी ने बताया कि भारत में योग का अभ्यास सदियों से होता आ रहा है, लेकिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2014 में पदभार ग्रहण करने के बाद इसे वैश्विक पहचान दिलाई।


उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के प्रयासों के कारण ही संयुक्त राष्ट्र ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मान्यता दी।


मुख्यमंत्री ने कहा, “योग केवल शारीरिक अभ्यास नहीं है, यह एक ऐसा अभ्यास है जो शरीर, मन और आत्मा को जागृत करता है।”


उन्होंने आगे कहा, “योग शारीरिक, बौद्धिक, मानसिक और आध्यात्मिक संतुलन प्राप्त करने का एक साधन है और यह मानव शरीर के लिए अत्यंत लाभकारी है।”


इस वर्ष अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का विषय ‘एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग’ है, जो व्यक्तिगत कल्याण और पृथ्वी के स्वास्थ्य के बीच गहरे संबंध को दर्शाता है।


मुख्यमंत्री ने कहा, “यह दिखाता है कि योग न केवल शरीर और मन को पोषित करता है, बल्कि यह प्रकृति के प्रति सम्मानजनक जीवनशैली को भी बढ़ावा देता है, जो सभी जीवों के साथ सामंजस्य बनाकर चलती है।”


इस अवसर पर संस्कृति विभाग द्वारा पारंपरिक गोटीपुआ नृत्य का प्रदर्शन किया गया। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्ध रेत कलाकार पद्मश्री सुदर्शन पटनायक ने पुरी समुद्र तट पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उष्ट्रासन (ऊंट मुद्रा) करते हुए रेत की एक कलाकृति बनाई।