ओडिशा में भाजपा विधायक पर महिला विरोधी टिप्पणी का विवाद
विधायक संतोष खटुआ की टिप्पणी पर विवाद
ओडिशा में भाजपा के विधायक संतोष खटुआ द्वारा बीजद की सदस्य लेखाश्री सामंतसिंहर के लिए की गई कथित अपमानजनक टिप्पणी ने विवाद खड़ा कर दिया है। लेखाश्री, जो 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा से बीजद में शामिल हुईं और बालासोर संसदीय सीट से चुनाव लड़ीं, ने आरोप लगाया कि विधायक ने उनके और ओडिशा की अन्य महिला नेताओं के बारे में 'महिला विरोधी' टिप्पणी की। विधायक ने इन आरोपों को निराधार बताया है। बालासोर जिले के नीलगिरी थाने में खटुआ के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। नीलगिरी की शांति लता बिस्वाल ने अपनी प्राथमिकी में मांग की है कि खटुआ के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
मुख्यमंत्री और भाजपा से माफी की मांग
मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी और भाजपा से माफी की मांग की गई है। बीजद की वरिष्ठ महासचिव और प्रवक्ता लेखाश्री सामंतसिंघर ने अपने ‘एक्स’ पोस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टैग कर इस मुद्दे पर ध्यान आकर्षित किया। विधायक खटुआ ने कुछ टेलीविजन चैनलों को दिए बयान में सामंतसिंघार के चरित्र पर अपमानजनक टिप्पणी की थी। इस बीच, बृहस्पतिवार शाम को नीलगिरी थाने में कम से कम तीन प्राथमिकियां दर्ज की गईं, जिनमें खटुआ पर महिला के खिलाफ अपमानजनक और आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया गया है।
सामंतसिंघार की प्रधानमंत्री को अपील
सामंतसिंघार ने मोदी को टैग करते हुए लिखा, प्रिय मोदी जी कृपया ओडिशा के अपने विधायक को महिला राजनीतिक नेताओं के बारे में बात करते हुए सुनें। उन्होंने प्रधानमंत्री से कहा, ‘मुझे पता है कि प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) और पार्टी में आपके पास बहुत ही सक्षम और बुद्धिमान ओडिया अधिकारी हैं। कृपया उनसे आपके लिए अनुवाद करने के लिए कहें।’
उन्होंने आगे कहा, ‘यदि आप ऐसे महिला विरोधी निर्वाचित प्रतिनिधियों के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रहते हैं, तो महिलाओं के लिए आपका वादा खोखला साबित होगा।’
विवाद की शुरुआत
यह विवाद बुधवार को सामंतसिंघार द्वारा की गई प्रेस वार्ता से शुरू हुआ, जिसमें उन्होंने खटुआ पर 15 जून को बालासोर के नीलगिरी इलाके में एक हाथी की जान लेने और उसके दांत चोरी करने का आरोप लगाया। उन्होंने भाजपा विधायक को चोर और डकैत भी कहा। इसके बाद खटुआ की टिप्पणी वायरल हो गई, हालांकि इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं की गई है।
विपक्ष की प्रतिक्रिया
विपक्ष के नेता और बीजद अध्यक्ष नवीन पटनायक ने भाजपा विधायक की टिप्पणी की कड़ी निंदा की और लोगों से एक महिला के खिलाफ इस तरह के शब्दों का विरोध करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, ‘अन्यथा, एक राज्य के रूप में हम अपनी बेटियों और माताओं के सामने असफल हो जाएंगे।’ पूर्व मुख्यमंत्री ने ‘एक्स’ पर कहा कि सबसे अधिक चिंताजनक पहलू भाजपा नेताओं की गहरी चुप्पी है।
भाजपा का बचाव
आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा प्रवक्ता अनिल बिस्वाल ने खटुआ का बचाव करते हुए कहा कि उन्हें हाथी शिकार मामले में फंसाया जा रहा है। बिस्वाल ने एक बयान में कहा, ‘बीजद ने झूठे आरोप लगाने में पीएचडी कर ली है।’ उन्होंने आरोप लगाया कि बीजद के कार्यकाल में भी हाथियों को मारा गया। यह भाजपा विधायकों की छवि खराब करने की साजिश के अलावा और कुछ नहीं है।