ओडिशा में बांग्लादेशी नागरिकों की हिरासत पर विवाद बढ़ा
ओडिशा सरकार द्वारा 444 संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिकों की हिरासत ने तृणमूल कांग्रेस के साथ विवाद को जन्म दिया है। पार्टी का कहना है कि इनमें से अधिकांश लोग बंगाली भाषी प्रवासी श्रमिक हैं। यह मामला कलकत्ता उच्च न्यायालय तक पहुंच गया है, जहां सरकार से कड़े सवाल पूछे गए हैं। पुलिस का कहना है कि हिरासत में लिए गए लोग वैध दस्तावेज नहीं दिखा पाए, जबकि तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि यह कार्रवाई विशेष रूप से बंगाली भाषी श्रमिकों को निशाना बनाने के लिए की गई है। सांसद महुआ मोइत्रा ने चेतावनी दी है कि इससे ओडिशा की अर्थव्यवस्था को नुकसान हो सकता है।
Jul 11, 2025, 16:20 IST
ओडिशा सरकार की कार्रवाई पर उठे सवाल
ओडिशा सरकार द्वारा 444 संदिग्ध बांग्लादेशी नागरिकों को हिरासत में लेने का निर्णय सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के साथ विवाद का कारण बन गया है। पार्टी का कहना है कि इनमें से अधिकांश लोग बंगाली भाषी प्रवासी श्रमिक हैं। यह मामला हाल ही में कलकत्ता उच्च न्यायालय तक पहुंच गया, जिसने हिरासत में लिए गए व्यक्तियों के संबंध में ओडिशा सरकार से कड़े सवाल पूछे हैं। यह विवाद तब शुरू हुआ जब ओडिशा सरकार ने अवैध प्रवासियों के खिलाफ एक विशेष अभियान के तहत झारसुगुड़ा जिले में 444 लोगों को हिरासत में लिया। अधिकारियों का कहना है कि उन्हें हिरासत में लेने का कारण जिले में बांग्लादेशी नागरिकों की बड़ी संख्या की सूचना थी।
पुलिस का बचाव और तृणमूल कांग्रेस के आरोप
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि हिरासत में लिए गए लोगों के पास वैध निवास या नागरिकता के दस्तावेज नहीं थे, और उन्होंने यह स्पष्ट किया कि पुलिस किसी विशेष समुदाय को निशाना नहीं बना रही है। हालांकि, तृणमूल कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि हिरासत में लिए गए व्यक्तियों में बंगाल के नादिया, मुर्शिदाबाद, मालदा, बीरभूम, पूर्व बर्धमान और दक्षिण 24 परगना जैसे जिलों के 200 से अधिक प्रवासी श्रमिक शामिल हैं।
टीएमसी का विरोध और चेतावनी
तृणमूल कांग्रेस ने यह भी कहा है कि छापे विशेष रूप से उन क्षेत्रों में किए गए हैं जहां बंगाली भाषी श्रमिक रहते हैं। टीएमसी के राज्यसभा सांसद समीरुल इस्लाम ने ट्वीट किया कि ओडिशा में बंगाली भाषी श्रमिकों पर अत्याचार जारी है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने हाल ही में बंगाल के जिलों से 200 से अधिक प्रवासी श्रमिकों को बांग्लादेशी नागरिक होने के संदेह में हिरासत में लिया। सांसद महुआ मोइत्रा ने भी इस मामले में अपनी आवाज उठाई, यह दावा करते हुए कि हिरासत में लिए गए लोगों में उनके निर्वाचन क्षेत्र के 23 कार्यकर्ता भी शामिल हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि बंगाली पर्यटक ओडिशा आना बंद कर देंगे, तो इससे राज्य की अर्थव्यवस्था को नुकसान होगा।