ओडिशा में छात्रा की आत्मदाह से महिलाओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल
ओडिशा के बालासोर जिले में एक छात्रा द्वारा आत्मदाह की घटना ने महिलाओं की सुरक्षा और प्रशासनिक लापरवाही पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। छात्रा के परिवार का आरोप है कि कॉलेज प्रबंधन और पुलिस ने मामले को दबाने का प्रयास किया। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो के आंकड़ों के अनुसार, ओडिशा में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में वृद्धि हो रही है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने छात्रा की स्वास्थ्य स्थिति का जायजा लिया, जबकि राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी आनी शुरू हो गई हैं। इस घटना ने समाज और सिस्टम की विफलता को उजागर किया है।
Jul 15, 2025, 11:25 IST
बालासोर में छात्रा की आत्मदाह की घटना
ओडिशा के बालासोर जिले में एक छात्रा द्वारा आत्मदाह करने की घटना ने राज्य में महिलाओं की सुरक्षा और प्रशासनिक लापरवाही पर गंभीर चिंताएं उत्पन्न की हैं। यह छात्रा पिछले महीने कॉलेज में उत्पीड़न और मानसिक तनाव के कारण अपने शरीर पर केरोसिन डालकर आग लगा ली थी। उसे गंभीर स्थिति में भुवनेश्वर के एम्स की बर्न यूनिट में भर्ती कराया गया था, लेकिन आज उसकी मृत्यु हो गई। छात्रा के परिवार का आरोप है कि कॉलेज प्रबंधन और स्थानीय पुलिस ने मामले को दबाने का प्रयास किया, जिससे समय पर न्याय नहीं मिल सका।
महिलाओं के खिलाफ अपराधों में वृद्धि
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के अनुसार, ओडिशा उन राज्यों में शामिल है जहां महिलाओं के खिलाफ अपराधों में लगातार वृद्धि हो रही है। बलात्कार, छेड़छाड़, यौन उत्पीड़न, दहेज हत्या और एसिड अटैक जैसे अपराधों में पिछले तीन वर्षों में 20% से अधिक की वृद्धि हुई है। यह घटना दर्शाती है कि चाहे वह शहर हो या कस्बा, महिलाओं की सुरक्षा की स्थिति अत्यंत चिंताजनक है और अपराधियों में कानून का भय लगभग समाप्त हो चुका है।
राष्ट्रपति का दौरा और प्रशासन की लापरवाही
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को एम्स भुवनेश्वर की बर्न यूनिट का दौरा किया और छात्रा की स्वास्थ्य स्थिति के बारे में जानकारी ली, जिसने एक प्रोफेसर द्वारा कथित यौन उत्पीड़न के बाद आत्मदाह किया था। राष्ट्रपति की यह पहल यह दर्शाती है कि संवैधानिक पदों पर बैठे लोग इस घटना को लेकर कितने चिंतित हैं, लेकिन राज्य सरकार और पुलिस-प्रशासन ने इस मामले में कोई तत्परता नहीं दिखाई। यदि मामले को शुरुआत में गंभीरता से लिया जाता, तो शायद छात्रा की जान बचाई जा सकती थी।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
छात्रा की मृत्यु पर राजनेताओं की प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गई हैं। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने कहा है कि सभी दोषियों को कड़ी सजा मिलेगी। उन्होंने मृतक छात्रा के परिवार को 20 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा भी की। वहीं, बीजद नेता इप्सिता साहू ने आरोप लगाया कि सरकार ने अपनी नाकामी को छिपाने के लिए शव का रातों-रात पोस्टमार्टम करवा दिया।
राहुल गांधी की टिप्पणी
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने छात्रा की मौत के बाद आरोप लगाया कि भाजपा के सिस्टम ने इस लड़की की हत्या की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री को इस मुद्दे पर चुप नहीं रहना चाहिए और जवाब देना चाहिए। राहुल गांधी ने यह भी कहा कि यह आत्महत्या नहीं, बल्कि 'सिस्टम' द्वारा की गई हत्या है।
समाज और सिस्टम की विफलता
बालासोर की छात्रा की मौत समाज और सिस्टम की विफलता की कहानी है। महिलाओं के खिलाफ अपराधों को रोकने के लिए केवल कानून नहीं, बल्कि प्रशासनिक इच्छाशक्ति और सामाजिक जागरूकता भी आवश्यक है। यदि समय पर उत्पीड़न के मामलों को गंभीरता से लिया जाए और पुलिस अपनी भूमिका निभाए, तो इस तरह की घटनाओं को रोका जा सकता है।