ओडिशा में छात्रा की आत्मदाह पर राजनीतिक दलों का 'ओडिशा बंद' का आह्वान
ओडिशा में छात्रा की आत्मदाह से उपजा विवाद
कम से कम आठ राजनीतिक दलों, जिसमें कांग्रेस भी शामिल है, ने ओडिशा के एक छात्रा की आत्मदाह के कारण हुई मौत के विरोध में 'ओडिशा बंद' का आह्वान किया है। यह घटना तब हुई जब कांग्रेस और बीजू जनता दल (बीजद) के कार्यकर्ताओं ने भुवनेश्वर में एम्स के बाहर प्रदर्शन किया, जहां छात्रा का इलाज चल रहा था। 20 वर्षीय छात्रा, जो बालासोर के फकीर मोहन स्वायत्त महाविद्यालय की छात्रा थी, ने पिछले हफ्ते खुद को आग लगा ली थी। उसने आरोप लगाया था कि उसके कॉलेज के एक प्रोफेसर द्वारा यौन उत्पीड़न के मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई। गंभीर रूप से जलने के बाद, छात्रा को सोमवार रात मृत घोषित कर दिया गया।
राजनीतिक दलों का विरोध और मांगें
भुवनेश्वर स्थित एम्स के बाहर प्रदर्शन के दौरान, विभिन्न दलों ने राज्य सरकार पर मामले को छिपाने का आरोप लगाया और उच्च शिक्षा मंत्री सूर्यवंशी सूरज की बर्खास्तगी की मांग की। बीजद नेता सुलता देव ने सवाल उठाया, "पोस्टमॉर्टम रात में क्यों किया गया? शव रात में लाया गया ताकि किसी को पता न चले।" उन्होंने बताया कि बीजद के एक प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात कर मामले में हस्तक्षेप की मांग की।
मुख्यमंत्री का बयान और सहायता
बीजद अध्यक्ष नवीन पटनायक ने छात्र की मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया और राज्यपाल से कॉलेज प्रशासन और जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की अपील की। ओडिशा के मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने आत्मदाह करने वाली छात्रा के परिवार को 20 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की। मुख्यमंत्री कार्यालय ने बताया कि माझी ने संबंधित अधिकारियों को घटना की उचित जांच करने का निर्देश दिया ताकि सभी दोषियों को कानून के अनुसार सजा मिल सके। राज्यपाल हरि बाबू कंभमपति ने भी छात्रा की मौत पर शोक व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री का संवेदनशील संदेश
उन्होंने 'एक्स' पर पोस्ट करते हुए कहा, "फकीर मोहन (स्वायत्त) महाविद्यालय की छात्रा की असामयिक मृत्यु की खबर सुनकर मैं स्तब्ध हूं। यह घटना हमारे परिसरों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाने की आवश्यकता का स्पष्ट संकेत है।" उन्होंने यह भी कहा कि कानून के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने शोकाकुल परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं।