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ओडिशा में कॉलेज छात्रा का अंतिम संस्कार, यौन उत्पीड़न के मामले में न्याय की मांग

ओडिशा में एक कॉलेज छात्रा का अंतिम संस्कार हुआ, जिसने यौन उत्पीड़न के बाद आत्मदाह किया। इस घटना ने समाज में न्याय की मांग को और तेज कर दिया है। नेता प्रतिपक्ष ने इसे सिस्टम की नाकामी बताया और कहा कि अगर सही समय पर कार्रवाई की गई होती, तो छात्रा की जान बचाई जा सकती थी। छात्रा के पिता ने अपनी बेटी की याद में लड़ाई जारी रखने का संकल्प लिया है। इस दुखद घटना ने कई सवाल खड़े किए हैं, जो अब समाज के सामने हैं।
 

ओडिशा में छात्रा का अंतिम संस्कार

एक कॉलेज छात्रा, जिसने एक शिक्षक द्वारा यौन उत्पीड़न का शिकार होने के बाद आत्मदाह किया, का अंतिम संस्कार मंगलवार को ओडिशा के बालासोर जिले के उसके गांव में किया गया। इस दुखद घटना के दौरान, छात्रा के चचेरे भाई ने उसे मुखाग्नि दी, जिसमें भारतीय जनता पार्टी के सांसद प्रताप सारंगी और जिला प्रशासन के कई वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए। स्थानीय निवासियों ने नम आंखों से छात्रा को अंतिम विदाई दी। छात्रा के पिता ने भावुक होकर कहा, 'मेरी बेटी ने मुझे लड़ना सिखाया है, और मैं इस लड़ाई को जारी रखूंगा। मुझे किसी मुआवजे की आवश्यकता नहीं है, मुझे मेरी बेटी चाहिए। क्या सरकार मेरी बच्ची को वापस ला सकती है?' वहीं, छात्रा की मां ने कहा, 'कृपया मुझे माफ कर दीजिए, मैं कुछ कहने की स्थिति में नहीं हूं।'


नेता प्रतिपक्ष का बयान

ओडिशा विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष नवीन पटनायक ने कहा कि छात्रा की मौत 'सिस्टम की नाकामी' का परिणाम है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, 'यह सोचकर दुख होता है कि कैसे एक नाकाम सिस्टम किसी की जान ले सकता है। यह कोई हादसा नहीं था, बल्कि एक ऐसे सिस्टम का नतीजा था जो मदद करने के बजाय खामोश रहा।' पटनायक ने छात्रा की बहादुरी की सराहना की, जिसने कॉलेज के प्राचार्य को पत्र लिखकर अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न की शिकायत की थी।


न्याय की मांग

पटनायक ने कहा कि छात्रा ने न्याय के लिए कई बार उच्च शिक्षा मंत्री, मुख्यमंत्री कार्यालय और यहां तक कि एक केंद्रीय मंत्री से भी संपर्क किया। उन्होंने कहा, 'अगर किसी ने भी जिम्मेदारी ली होती, तो शायद उस लड़की की जान बचाई जा सकती थी। उसकी मौत केवल शारीरिक आघात के कारण नहीं, बल्कि राज्य सरकार की लापरवाही के कारण भी हुई है।' बीजू जनता दल के अध्यक्ष ने राज्यपाल से अपील की कि कॉलेज प्रशासन और सत्ता में बैठे लोगों को जवाबदेह ठहराया जाए।


अंतिम विदाई

पटनायक ने दिवंगत आत्मा के लिए प्रार्थना की और कहा, 'ईश्वर उन्हें शांति प्रदान करें। मैं प्रार्थना करता हूं कि परिवार को इस अपार दुःख का सामना करने की शक्ति मिले।' छात्रा ने न्याय न मिलने पर आत्मदाह किया और तीन दिन तक जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष करने के बाद भुवनेश्वर के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में सोमवार रात दम तोड़ दिया। वह बालासोर के फकीर मोहन महाविद्यालय में बीएड पाठ्यक्रम की द्वितीय वर्ष की छात्रा थी।