ओडिशा में 22 नक्सलियों का आत्मसमर्पण, डीजीपी ने की मुख्यधारा में शामिल होने की अपील
ओडिशा में एक औपचारिक समारोह में 22 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया, जिसमें उन्होंने अपने हथियार पुलिस को सौंपे। डीजीपी खुराना ने नक्सलियों से मुख्यधारा में शामिल होने की अपील की है। यह आत्मसमर्पण 2025 में ओडिशा में पहला बड़ा सामूहिक आत्मसमर्पण है, जो नक्सल-विरोधी अभियानों की सफलता को दर्शाता है। जानें इस घटना के पीछे की कहानी और इसके राष्ट्रीय स्तर पर प्रभाव के बारे में।
Dec 23, 2025, 14:42 IST
नक्सलियों का आत्मसमर्पण समारोह
एक औपचारिक कार्यक्रम में, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) वाईबी खुराना की उपस्थिति में 22 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया। इन नक्सलियों ने एके-47 राइफलों और सेल्फ-लोडिंग राइफलों (एसएलआर) सहित कई हथियारों का जखीरा पुलिस को सौंपा। ओडिशा पुलिस ने उन्हें पारंपरिक शॉल पहनाकर सम्मानित किया। डीजीपी योगेश बहादुर खुराना ने बताया कि आज 22 नक्सलियों ने अपने हथियारों के साथ आत्मसमर्पण किया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि अन्य नक्सली भी आत्मसमर्पण करेंगे और मुख्यधारा में शामिल होंगे। उन्होंने सभी नक्सलियों से हिंसा छोड़ने की अपील की, क्योंकि सरकार ने उनके पुनर्वास के लिए सभी आवश्यक व्यवस्थाएं की हैं।
महत्वपूर्ण सामूहिक आत्मसमर्पण
यह 2025 में ओडिशा में हुआ पहला बड़ा सामूहिक आत्मसमर्पण है, जो देशभर में नक्सल-विरोधी अभियानों की गति के बीच हुआ है। मलकानगिरी, जो ओडिशा-छत्तीसगढ़ सीमा पर स्थित है, लंबे समय से माओवादियों का गढ़ रहा है। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली अब राज्य के पुनर्वास कार्यक्रम का हिस्सा बनेंगे, जिसमें वित्तीय सहायता, व्यावसायिक प्रशिक्षण और मुख्यधारा समाज में एकीकरण शामिल है।
राष्ट्रीय स्तर पर माओवादी गतिविधियों में गिरावट
राष्ट्रीय स्तर पर, 2025 में माओवादी गतिविधियों में उल्लेखनीय कमी आई है, जिसमें पूरे भारत में 1,225 आत्मसमर्पण, 270 निष्क्रियताएँ और 680 गिरफ्तारियाँ दर्ज की गई हैं। सुरक्षा विशेषज्ञ इसे माओवादी विचारधारा के कमजोर होने और सरकारी पहलों में बढ़ते विश्वास का संकेत मानते हैं।