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ओडिशा पुलिस ने एसआई भर्ती परीक्षा में अनियमितताओं के लिए एक और गिरफ्तारी की

ओडिशा पुलिस ने उप-निरीक्षक भर्ती परीक्षा में अनियमितताओं के सिलसिले में एक और व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जिससे गिरफ्तार लोगों की संख्या 119 हो गई है। विपक्ष ने इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की है। पुलिस ने बताया कि आरोपी के खिलाफ सबूत मिले हैं और कई संदिग्ध सामग्रियां जब्त की गई हैं। बीजू जनता दल और कांग्रेस ने मामले की स्वतंत्र जांच की मांग की है, जबकि भाजपा ने सरकार की कार्रवाई का समर्थन किया है।
 

ओडिशा पुलिस की कार्रवाई

ओडिशा पुलिस ने उप-निरीक्षक (एसआई) भर्ती परीक्षा में अनियमितताओं के आरोप में एक और व्यक्ति को रविवार को गिरफ्तार किया है। इस मामले में विपक्ष ने सीबीआई जांच या न्यायिक जांच की मांग को और तेज कर दिया है।


पुलिस अधिकारियों के अनुसार, अपराध शाखा ने 43 वर्षीय एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है, जिससे इस मामले में गिरफ्तार लोगों की संख्या बढ़कर 119 हो गई है, जिनमें 114 अभ्यर्थी शामिल हैं।


एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि आरोपी के खिलाफ मिले सबूतों के आधार पर उसे गिरफ्तार किया गया और उसके पास से कई संदिग्ध सामग्रियां भी जब्त की गईं।


ओडिशा पुलिस भर्ती बोर्ड (ओपीआरबी) ने 30 सितंबर को एसआई भर्ती के लिए लिखित परीक्षा को स्थगित कर दिया था, जब ब्रह्मपुर पुलिस ने ओडिशा-आंध्र प्रदेश सीमा से 114 अभ्यर्थियों सहित कई लोगों को गिरफ्तार किया।


पुलिस ने बताया कि ये लोग 5-6 अक्टूबर को होने वाली लिखित परीक्षा से पहले 'विशेष कोचिंग' लेने के लिए पड़ोसी राज्य में किसी अज्ञात स्थान पर जा रहे थे। सूत्रों के अनुसार, प्रत्येक अभ्यर्थी ने एक एसआई पद के लिए कथित तौर पर 25 लाख रुपये देने पर सहमति जताई थी, जिसमें 10 लाख रुपये अग्रिम और शेष 15 लाख रुपये नौकरी मिलने के बाद देने थे।


अपराध शाखा के अधिकारियों ने एक संस्थान में भी तलाशी अभियान चलाया, जो ऑनलाइन भर्ती परीक्षाओं का केंद्र था। डीएसपी रवींद्र मलिक ने कहा कि यह केंद्र एक ऐसे व्यक्ति का है जिस पर घोटाले में शामिल होने का संदेह है।


इस बीच, बीजू जनता दल (बीजद) के वरिष्ठ नेता प्रीतिरंजन घराई ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने घोटाले में शामिल असली लोगों को बचाने के लिए मामले को अपराध शाखा को सौंप दिया है। उन्होंने अनियमितताओं की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग की।


ओडिशा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भक्त चरण दास ने कहा, 'परीक्षा में पारदर्शिता लाने के लिए मामले को सीबीआई को सौंपा जाना चाहिए या न्यायिक जांच का आदेश दिया जाना चाहिए।'


विपक्ष के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा विधायक बाबू सिंह ने कहा कि ओडिशा सरकार अभ्यर्थियों के लिए न्याय सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने दावा किया कि 'पिछली बीजद सरकार इन गतिविधियों में संलिप्त थी और अब भाजपा सरकार ऐसे रैकेट पर कार्रवाई कर रही है।'