ओडिशा की छात्रा के आत्मदाह मामले में आरोपपत्र दाखिल, चार आरोपी हिरासत में
ओडिशा में कॉलेज छात्रा की आत्मदाह की घटना
ओडिशा की एक 20 वर्षीय कॉलेज छात्रा, जिसने अपने प्रोफेसर द्वारा यौन उत्पीड़न का शिकार होने के बाद आत्मदाह किया, की भुवनेश्वर के एम्स में मृत्यु हो गई। छात्रा, जो बालासोर के फकीर मोहन कॉलेज में पढ़ाई कर रही थी, 95% जल गई थी और तीन दिनों तक जिंदगी के लिए संघर्ष करती रही, लेकिन अंततः उसकी जान नहीं बचाई जा सकी।
इस मामले में एक महत्वपूर्ण विकास के तहत, अपराध शाखा ने बालासोर की एसडीजेएम अदालत में 349 पृष्ठों का आरोपपत्र प्रस्तुत किया है। इस आरोपपत्र में 120 गवाहों के बयान शामिल हैं और चार आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, जो फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं।
आरोपपत्र में महत्वपूर्ण जानकारी
ओडिशा पुलिस की अपराध शाखा ने इस आत्मदाह मामले में आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि महिला एवं बाल अपराध शाखा की जांच अधिकारी इमान कल्याणी नायक ने 120 गवाहों के बयानों के साथ 504 पन्नों का आरोपपत्र अदालत में पेश किया।
पुलिस ने डिजिटल साक्ष्य सहित कई महत्वपूर्ण सुराग इकट्ठा किए हैं। अधिकारी ने कहा, "अधिक साक्ष्य एकत्र करने और कई लोगों की संलिप्तता को देखते हुए, पुलिस ने मामले की जांच अभी समाप्त नहीं की है।" छात्रा ने 12 जुलाई को यौन उत्पीड़न के खिलाफ न्याय की मांग करते हुए आत्मदाह किया था, जिसका आरोप उसके विभाग के प्रमुख पर लगाया गया था।
छात्रा की मृत्यु और उसके बाद की कार्रवाई
14 जुलाई को भुवनेश्वर के एम्स में छात्रा की मृत्यु के बाद देशभर में आक्रोश फैल गया। पुलिस ने 12 जुलाई को सहायक प्रोफेसर समीर कुमार साहू और 14 जुलाई को तत्कालीन प्राचार्य दिलीप घोष को आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में गिरफ्तार किया। छात्रा की मौत के बाद अपराध शाखा ने मामले की जांच अपने हाथ में ले ली।
अपराध शाखा ने तीन अगस्त को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) की राज्य संयुक्त सचिव शुभ्रा संबित नायक और कॉलेज के छात्र ज्योतिप्रकाश बिस्वाल को भी गिरफ्तार किया। ये दोनों छात्रा को बचाने के प्रयास में घायल हुए थे, लेकिन उन पर भी आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया गया है। जब छात्रा ने आत्मदाह किया, तब ये दोनों वीडियो रिकॉर्ड कर रहे थे।