×

ऑपरेशन सिंदूर के सबक: सीडीएस जनरल अनिल चौहान का नया दृष्टिकोण

सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने मंगलवार को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि सशस्त्र बलों को नई सामान्य स्थिति में बेहतर तैयारी की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि भविष्य में गतिशील लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करना होगा और तकनीकी दृष्टि से दुश्मन से आगे रहना आवश्यक है। जानें उनके विचार और सशस्त्र बलों के लिए नई रणनीतियों के बारे में।
 

सीडीएस जनरल अनिल चौहान का बयान

सीडीएस जनरल अनिल चौहान ने मंगलवार को कहा कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के अनुभवों से सशस्त्र बलों ने कई महत्वपूर्ण सबक सीखे हैं, जिन्हें अब नियोजित ‘थिएटराइजेशन’ मॉडल में शामिल करने की आवश्यकता है।


‘इंडिया डिफेंस कॉन्क्लेव 2025’ में एक चर्चा के दौरान, उन्होंने बताया कि मई में हुए निर्णायक सैन्य अभियान के बाद, हमें पाकिस्तान के हर कोने में खुफिया, निगरानी और टोही (आईएसआर) तथा युद्धक क्षमताओं की आवश्यकता होगी। उन्होंने इसे ‘नई सामान्य स्थिति’ के रूप में परिभाषित किया।


जनरल चौहान ने कहा कि सशस्त्र बलों के लिए यह नई सामान्य स्थिति का मतलब है कि हमें चौबीसों घंटे बेहतर अभियानगत तैयारी में रहना होगा, जो अत्यंत आवश्यक है। हमें अपनी वायु रक्षा, मानवरहित हवाई प्रणाली (यूएएस) और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध में भी बेहतर तैयारी करनी चाहिए।


उन्होंने यह भी कहा कि तकनीकी दृष्टि से, हमें दुश्मन से आगे रहना होगा। उन्होंने विस्तार में जाने से बचते हुए कहा कि पिछले अभियानों में हमने स्थिर लक्ष्यों को निशाना बनाया था, लेकिन भविष्य में गतिशील लक्ष्यों पर भी ध्यान केंद्रित करना होगा।


थिएटराइजेशन पर चर्चा करते हुए, जनरल चौहान ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद, हमें कई महत्वपूर्ण सबक मिले हैं, जिन्हें इस मॉडल में शामिल करना आवश्यक है।


उन्होंने कहा कि हमारे पास उरी, बालाकोट, ऑपरेशन सिंदूर, गलवान, डोकलाम और कोविड के अनुभव हैं, इसलिए हमें एक ऐसा संगठनात्मक ढांचा तैयार करना चाहिए जो हर परिस्थिति के लिए उपयुक्त हो।