ऑनर किलिंग पर ब्राह्मणों की विचारधारा का आरोप
विदुथलाई चिरुथैगल काची के नेता वन्नियारसु ने ऑनर किलिंग के मामलों में ब्राह्मणों और हिंदू महाकाव्यों की विचारधारा को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने रामायण की कथाओं का हवाला देते हुए कहा कि ये अपराधों को सही ठहराने का काम करती हैं। वन्नियारसु ने एक विशेष कथा का उल्लेख किया, जिसमें राम ने एक आदिवासी व्यक्ति की हत्या की और उसके रक्त से एक बच्चे को पुनर्जीवित किया। इस बयान ने समाज में एक नई बहस को जन्म दिया है।
Aug 25, 2025, 19:35 IST
ऑनर किलिंग पर विवादित बयान
विदुथलाई चिरुथैगल काची (वीसीके) के नेता वन्नियारसु ने ऑनर किलिंग के मामलों के लिए ब्राह्मणों और हिंदू महाकाव्यों में मौजूद विचारधारा को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि रामायण और महाभारत में वर्णित कथाएं ऐसे अपराधों को सही ठहराने का काम करती हैं। एक कार्यक्रम में बोलते हुए, वन्नियारसु ने यह भी कहा कि वर्तमान में भाजपा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और संघ परिवार रामायण के बारे में बहुत कुछ बोलते हैं। वे इसे फिल्मों और टीवी धारावाहिकों में प्रस्तुत कर रहे हैं और समाज में नकारात्मकता फैला रहे हैं। यहां तक कि राजामौली ने भी इस पर आधारित एक फिल्म बनाई है।
रामायण की कथा का संदर्भ
वन्नियारसु ने रामायण की एक कथा का उल्लेख किया, जिसमें एक ब्राह्मण अपने मृत बच्चे को राम के पास ले जाता है और कहता है कि उनके शासन में गिरावट आ गई है और धर्म बदल गया है। राम ने जब पूछा कि क्या हुआ, तो ब्राह्मण ने उन्हें वन में जाकर स्वयं देखने के लिए कहा।
सम्पुहान की कहानी
वन्नियारसु के अनुसार, राम तलवार लेकर जंगल में जाते हैं और एक व्यक्ति को पेड़ से उल्टा लटका हुआ पाते हैं। उस व्यक्ति ने अपना नाम सम्पुहान बताया, जो एक आदिवासी था। वन्नियारसु ने बताया कि राम ने सम्पुहान से पूछा कि वह नीची जाति का होकर अपना धर्म कैसे निभा सकता है, और फिर अपनी तलवार से उसका सिर काट देते हैं। कथा के अनुसार, सम्पुहान का रक्त उस बच्चे के शरीर पर छिड़का गया और वह पुनर्जीवित हो गया।