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एशिया कप 2025: रविचंद्रन अश्विन ने पाकिस्तान को आड़े हाथों लिया

एशिया कप 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले मुकाबले में एक बार फिर विवाद छा गया है। रविचंद्रन अश्विन ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड द्वारा एंडी पायक्रॉफ्ट पर लगाए गए आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि पायक्रॉफ्ट ने कोई गलती नहीं की। उन्होंने यह भी बताया कि भारतीय खिलाड़ियों ने हाथ मिलाने से इनकार किया था, जो कि उनकी टीम का निर्णय था। इस विवाद ने मैच की तैयारी को प्रभावित किया है। जानें इस पूरी कहानी के बारे में।
 

भारत-पाकिस्तान मुकाबला और विवाद

एशिया कप 2025 में भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाला मुकाबला दुबई में एक बार फिर चर्चा का विषय बन गया है। इस बार ध्यान केवल क्रिकेट पर नहीं, बल्कि मैच रेफरी एंडी पायक्रॉफ्ट पर भी है, जो पिछले विवादास्पद 'नो-हैंडशेक' मामले में केंद्र में थे। पिछले रविवार को भारत की सात विकेट से जीत के बाद, पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने पायक्रॉफ्ट को इस विवाद का जिम्मेदार ठहराया है।


रविचंद्रन अश्विन ने अपने यूट्यूब शो 'अश की बात' में कहा, 'एंडी पायक्रॉफ्ट ने वास्तव में सभी को एक खराब दृश्य देखने से बचाया। भारत ने मैच रेफरी को पहले ही सूचित कर दिया था कि यह हमारा निर्णय है और हम इसका पालन करेंगे। इसके बाद, आप मैच हार गए। तो आप किस बात की शिकायत कर रहे हैं? आप नहीं हारे क्योंकि हमने हाथ नहीं मिलाया। कृपया जानें कि आप वास्तव में क्या सुधार सकते हैं।'


पूर्व भारतीय स्पिनर ने पाकिस्तान पर पायक्रॉफ्ट को बलि का बकरा बनाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, 'अगर हाथ मिलाना आपकी समस्या थी, तो आप UAE मैच में इसका समाधान क्यों ढूंढ रहे थे? पायक्रॉफ्ट ने कुछ गलत नहीं किया।'


अश्विन ने यह भी कहा कि पायक्रॉफ्ट का काम खिलाड़ियों को हाथ मिलाने के लिए मजबूर करना नहीं है। उन्होंने कहा, 'यह उनका काम नहीं है। हमारे खिलाड़ियों ने स्पष्ट रूप से कहा कि वे हाथ नहीं मिलाना चाहते। यही हमारी कहानी है।'


विवाद तब शुरू हुआ जब भारतीय खिलाड़ियों ने मैच जीतने के बाद हाथ मिलाने से इनकार कर दिया, जिसे पीसीबी ने खेल की भावना का उल्लंघन बताया। बाद में यह पुष्टि हुई कि बीसीसीआई ने एशियन क्रिकेट काउंसिल को पहले ही सूचित कर दिया था।


हालांकि, पीसीबी ने UAE के साथ अपने मैच को एक घंटे के लिए स्थगित कर दिया और टूर्नामेंट से बाहर निकलने की धमकी दी। आज, जब ये प्रतिद्वंद्वी एक बार फिर आमने-सामने हैं, तो ध्यान केवल खिलाड़ियों पर नहीं, बल्कि मैदान पर मौजूद अंपायर पर भी है।