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एलन मस्क का विवादास्पद प्रस्ताव: क्या AI सैटेलाइट्स से नियंत्रित हो सकेगी ग्लोबल वार्मिंग?

एलन मस्क ने ग्लोबल वार्मिंग से निपटने के लिए एक अनोखा प्रस्ताव पेश किया है, जिसमें AI द्वारा संचालित सैटेलाइट्स का उपयोग किया जाएगा। ये सैटेलाइट्स सूरज की रोशनी को नियंत्रित करके पृथ्वी के तापमान को कम करने का दावा करते हैं। हालांकि, इस विचार पर सोशल मीडिया पर कई सवाल उठ रहे हैं, जैसे कि क्या यह सुरक्षित है? साथ ही, Wood Mackenzie की रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि AI का बढ़ता उपयोग खुद ग्लोबल वार्मिंग को बढ़ा सकता है। जानें इस विषय पर और क्या प्रतिक्रियाएं आई हैं।
 

एलन मस्क का ग्लोबल वार्मिंग समाधान

एलन मस्क ने ग्लोबल वार्मिंग से निपटने के लिए एक अनोखा और विवादास्पद विचार प्रस्तुत किया है। उन्होंने एआई द्वारा संचालित सैटेलाइट्स के एक समूह का सुझाव दिया है, जो सूरज की रोशनी को नियंत्रित करके पृथ्वी के तापमान को कम कर सकते हैं। मस्क का मानना है कि यह सैटेलाइट्स जलवायु परिवर्तन से निपटने का एक महत्वपूर्ण उपाय हो सकता है। हालांकि, सोशल मीडिया पर लोग यह सवाल कर रहे हैं कि क्या प्राकृतिक तत्वों को एआई के नियंत्रण में देना सुरक्षित है।


एलन मस्क का AI सैटेलाइट योजना

मस्क ने X प्लेटफॉर्म पर लिखा कि सौर ऊर्जा से संचालित AI सैटेलाइट्स सूरज से आने वाली ऊर्जा की निगरानी और समायोजन करके ग्लोबल वार्मिंग को रोकने में सक्षम हो सकते हैं। उनका कहना है कि छोटे-छोटे बदलावों से पृथ्वी को सुरक्षित रखा जा सकता है। हालांकि, यह विचार अभी प्रारंभिक चरण में है और इसे लागू करने की तकनीकी संभावनाओं पर कई सवाल उठते हैं।


लोगों की प्रतिक्रियाएं: क्या AI सूरज को नियंत्रित करेगा?

सोशल मीडिया पर एक उपयोगकर्ता ने मस्क के दावे पर सवाल उठाया कि क्या AI यह तय करेगा कि इंसानों को कितनी धूप मिलेगी, और इसमें क्या समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। एक अन्य प्रतिक्रिया में कहा गया कि यह योजना जलवायु तकनीक से अधिक ग्रह इंजीनियरिंग जैसी लगती है। कई लोगों ने यह भी पूछा कि यह प्रणाली सभी महाद्वीपों और मौसमों के लिए संतुलित धूप कैसे सुनिश्चित करेगी, और क्या इससे किसी क्षेत्र में विवाद नहीं होगा?


Wood Mackenzie की चेतावनी: AI से बढ़ सकता है तापमान

वहीं, Wood Mackenzie की नई Energy Transition Outlook रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि AI का बढ़ता उपयोग खुद ग्लोबल वार्मिंग को बढ़ा सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि दुनिया 2100 तक 2.6°C अधिक गर्म हो सकती है, और कई देश पहले से ही 2030 के उत्सर्जन लक्ष्यों से पीछे हैं। AI और इलेक्ट्रिफिकेशन के कारण बिजली की मांग में वृद्धि होगी, जिससे डिकार्बोनाइजेशन की प्रक्रिया धीमी हो सकती है।


एलन मस्क की जलवायु परिवर्तन पर चिंता

टेस्ला और सौर ऊर्जा व्यवसाय से जुड़े एलन मस्क ने पहले भी जलवायु परिवर्तन के प्रति चिंता व्यक्त की है। उनका कहना है कि ग्लोबल वार्मिंग मानवता और पृथ्वी के लिए विनाशकारी हो सकती है। अब AI-संचालित सैटेलाइट्स का उनका प्रस्ताव इस विषय पर एक और साहसिक विचार है, लेकिन इसे स्वीकार करने से पहले कई वैज्ञानिक और तकनीकी पहलुओं पर विचार करना आवश्यक है।