एयर इंडिया विमान दुर्घटना: एक जीवित बचे व्यक्ति की दर्दनाक कहानी
एयर इंडिया के विमान हादसे में जीवित बचे विश्वाशकुमार रमेश की कहानी एक दिल दहला देने वाला अनुभव है। इस दुर्घटना में उन्होंने अपने भाई को खो दिया और अब मानसिक और शारीरिक रूप से टूट चुके हैं। एयर इंडिया द्वारा दी गई सहायता राशि उनके जीवन को पटरी पर लाने के लिए अपर्याप्त है। जानें इस त्रासदी के बाद उनके जीवन में आए बदलाव और एयर इंडिया की प्रतिक्रिया।
Nov 4, 2025, 22:57 IST
दुखद विमान हादसे की कहानी
एयर इंडिया का विमान हादसा फिर से चर्चा का विषय बन गया है, लेकिन इस बार की कहानी बेहद दिल दहला देने वाली है। 12 जून को गुजरात के अहमदाबाद में हुई इस दुर्घटना में 241 लोगों की जान गई, जबकि केवल एक व्यक्ति, विश्वाशकुमार रमेश, इस त्रासदी में जीवित बचे हैं। लेकिन इस 'चमत्कार' के पीछे उनका जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है, क्योंकि उन्होंने अपने भाई अजयकुमार को भी खो दिया।
दुर्घटना का विवरण
विश्वाशकुमार 11ए सीट पर बैठे थे, जो आपातकालीन निकास के निकट थी। विमान टेकऑफ़ के कुछ समय बाद दुर्घटनाग्रस्त हुआ और एक मेडिकल हॉस्टल से टकरा गया। किसी तरह उन्होंने विमान से कूदकर अपनी जान बचाई, जबकि उनके भाई की मौके पर ही मृत्यु हो गई। इस हादसे के बाद विश्वाशकुमार गहरे सदमे में हैं और उनकी ज़िंदगी पूरी तरह से बिखर गई है।
मानसिक और शारीरिक प्रभाव
विश्वाशकुमार का कहना है कि इस हादसे के बाद वे मानसिक और शारीरिक रूप से बेहद कमजोर हो गए हैं। वह अब घर से बाहर नहीं निकलते और अधिकतर समय अपने कमरे में अकेले बिताते हैं। ब्रिटेन के लीसेस्टर में अपने परिवार के साथ रहने वाले विश्वाशकुमार ने एक मीडिया चैनल से बातचीत में कहा कि वे लगातार अपने भाई के बारे में सोचते रहते हैं। उनके अनुसार, हादसे के बाद उनके बेटे के प्रति भी उनका व्यवहार बदल गया है।
आर्थिक सहायता और व्यवसाय पर प्रभाव
एयर इंडिया ने उनके इलाज के लिए लगभग 21,500 पाउंड (लगभग 21.9 लाख रुपये) की अंतरिम सहायता राशि प्रदान की है, लेकिन उनके परिवार और सलाहकारों का कहना है कि यह राशि उनके जीवन को सामान्य करने के लिए अपर्याप्त है। विश्वाशकुमार और उनके भाई ने मिलकर भारत में एक मछली पालन का व्यवसाय शुरू किया था, लेकिन इस दुर्घटना के बाद वह भी ठप हो गया है।
एयर इंडिया की प्रतिक्रिया
टाटा समूह के वरिष्ठ अधिकारियों और एयर इंडिया के प्रतिनिधियों ने कहा है कि वे प्रभावित परिवारों के साथ लगातार संपर्क में हैं और आवश्यक सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हालांकि, विश्वाशकुमार के प्रतिनिधि एयर इंडिया के CEO से सीधे संवाद की मांग कर रहे हैं ताकि वे अपनी समस्याओं को स्पष्ट कर सकें।
दुर्घटना का व्यापक प्रभाव
इस विमान दुर्घटना में न केवल 241 यात्रियों और क्रू मेंबर्स की जान गई, बल्कि ज़मीन पर मौजूद 19 अन्य लोगों की भी मृत्यु हुई। यह घटना भारत के हाल के इतिहास की सबसे बड़ी विमान दुर्घटनाओं में से एक मानी जा रही है, जिसके घाव अभी भी ताजे हैं और सवालों के जवाब अभी भी अधूरे हैं।