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एनसीईआरटी के मॉड्यूल पर विवाद: विभाजन के लिए जिन्ना और कांग्रेस को ठहराया जिम्मेदार

एनसीईआरटी ने विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर एक विशेष मॉड्यूल जारी किया है, जिसमें मुहम्मद अली जिन्ना और कांग्रेस को भारत के विभाजन का जिम्मेदार ठहराया गया है। इस पर कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है, जबकि भाजपा ने भी अपने विचार रखे हैं। जानें इस विवाद के पीछे की कहानी और दोनों पक्षों की प्रतिक्रियाएँ।
 

विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर एनसीईआरटी का विशेष मॉड्यूल

एनसीईआरटी ने विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस के अवसर पर एक विशेष मॉड्यूल जारी किया है, जिसमें मुहम्मद अली जिन्ना, कांग्रेस और तत्कालीन वायसराय लॉर्ड माउंटबेटन को भारत के विभाजन का मुख्य कारण बताया गया है। कांग्रेस ने इस मॉड्यूल पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है, जिसमें हिंदू महासभा और मुस्लिम लीग को विभाजन के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है। मॉड्यूल में यह भी उल्लेख किया गया है कि विभाजन के बाद कश्मीर एक नई समस्या के रूप में उभरा, जिसने भारत की विदेश नीति के लिए चुनौतियाँ खड़ी कीं। इसमें यह भी कहा गया है कि कुछ देश पाकिस्तान को समर्थन देते हैं और कश्मीर मुद्दे पर भारत पर दबाव बनाते हैं।


 


विवाद और कांग्रेस की प्रतिक्रिया


कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने इस मॉड्यूल को जलाने की मांग की है, यह कहते हुए कि इसमें तथ्यात्मक गलतियाँ हैं। उन्होंने कहा कि यह दस्तावेज़ सच नहीं बताता और विभाजन हिंदू महासभा और मुस्लिम लीग की सांठगांठ का परिणाम था। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने आरएसएस को देश के लिए खतरा बताते हुए कहा कि विभाजन का विचार सबसे पहले 1938 में हिंदू महासभा ने प्रस्तुत किया था, जिसे 1940 में जिन्ना ने दोहराया।


 


सरकार की प्रतिक्रिया


रक्षा राज्य मंत्री संजय सेठ ने पवन खेड़ा के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि क्या आने वाली पीढ़ी को विभाजन की विभीषिका के बारे में जानने का अधिकार नहीं है? उन्होंने कहा कि यह एक दर्दनाक घटना है, जिसे भुलाना संभव नहीं है। उन्होंने जिन्ना और कांग्रेस को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया।


 


भाजपा का दृष्टिकोण


भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने कांग्रेस से सवाल किया कि विभाजन को रोकने की ताकत किसके पास थी। उन्होंने कहा कि दो-राष्ट्र सिद्धांत को कांग्रेस और जिन्ना ने लागू किया था। भाजपा नेता सैयद शाहनवाज हुसैन ने कहा कि विभाजन के दौरान जो भयावहता फैली, वह पूरी तरह सच थी। उन्होंने यह भी कहा कि अंग्रेजों ने बंटवारा किया, लेकिन कांग्रेस ने इसे स्वीकार क्यों किया?