एनआरआई कोटे में फर्जीवाड़ा: मेडिकल कॉलेजों में धांधली का खुलासा
प्रवर्तन निदेशालय ने एनआरआई कोटे के तहत मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए फर्जी दस्तावेजों के उपयोग से जुड़े एक बड़े रैकेट का खुलासा किया है। जांच में पता चला है कि निजी कॉलेजों ने जाली दस्तावेजों के माध्यम से हजारों सीटें आवंटित की हैं। इस मामले में कई एनआरआई उम्मीदवारों की संलिप्तता भी सामने आई है। ईडी ने संबंधित कॉलेजों से करोड़ों रुपये की संपत्ति जब्त की है। इस खुलासे ने एनआरआई कोटे के तहत दाखिले की प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
Aug 25, 2025, 18:31 IST
एनआरआई कोटे के तहत फर्जी दस्तावेजों का खुलासा
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अनिवासी भारतीय (एनआरआई) कोटे के माध्यम से मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए फर्जी दस्तावेजों के उपयोग से जुड़े एक बड़े रैकेट का खुलासा किया है। इस जांच में विदेश मंत्रालय (एमईए) और विदेशों में स्थित भारतीय दूतावासों की मदद ली गई। जांच के दौरान यह सामने आया कि निजी मेडिकल कॉलेजों ने फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत करने वाले छात्रों को लगभग 18,000 एमबीबीएस सीटें आवंटित की हैं। अधिकारियों ने पाया कि एजेंटों ने इन कॉलेजों के साथ मिलकर नकली दस्तावेज तैयार किए, जिनमें दूतावास द्वारा जारी किए गए जाली एनआरआई प्रमाणपत्र और फर्जी वंशावली शामिल थे। यह जानकर हैरानी हुई कि एक ही जाली दस्तावेज का उपयोग कई छात्रों के दाखिले के लिए बार-बार किया गया। कुछ असली एनआरआई उम्मीदवार भी इस मामले में शामिल थे, जिन्होंने कथित तौर पर अपनी पहचान का लाभ उठाने के लिए पैसे लिए।
छापेमारी और सबूतों की बरामदगी
कई मेडिकल कॉलेजों में छापेमारी के दौरान अमेरिका स्थित अधिकारियों से कई नकली एनआरआई प्रमाणपत्र और नोटरीकृत स्टाम्प बरामद किए गए। एनआरआई कोटे के तहत दाखिला लेने वाले छात्रों की फीस उनके किसी एनआरआई रिश्तेदार द्वारा चुकाई जानी चाहिए, लेकिन ईडी की जांच में यह पाया गया कि अधिकांश मामलों में, नियमों का उल्लंघन करते हुए, फीस का भुगतान अन्य लोगों द्वारा किया गया था। ईडी ने कहा कि विदेश मंत्रालय से जालसाजी के स्पष्ट सबूत मिलने के बावजूद, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के अधिकारी एनआरआई कोटे के तहत अयोग्य छात्रों को दाखिला देने वाले कुछ निजी मेडिकल कॉलेजों के खिलाफ कार्रवाई करने में असफल रहे। एजेंसी ने पहले ही संबंधित कॉलेजों और व्यक्तियों से 12.33 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त कर ली है और आपत्तिजनक दस्तावेज भी बरामद किए हैं। हाल ही में, चल रही जांच के तहत पश्चिम बंगाल के एक निजी कॉलेज की 6.42 करोड़ रुपये की सावधि जमा राशि को अस्थायी रूप से कुर्क किया गया था।
एनआरआई प्रायोजक प्रमाणपत्रों की विश्वसनीयता पर सवाल
दुनिया भर में कई भारतीय वाणिज्य दूतावासों और दूतावासों ने यह बताया है कि दाखिले के लिए उपयोग किए गए कई एनआरआई प्रायोजक प्रमाणपत्र "असली नहीं" थे, जिससे एनआरआई कोटे के तहत प्रवेश प्रक्रिया की विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।