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एडप्पादी के पलानीस्वामी ने भाजपा का समर्थन और डीएमके की आलोचना की

एडप्पादी के पलानीस्वामी ने भाजपा के प्रति आभार व्यक्त किया और डीएमके सरकार की आलोचना की। उन्होंने निष्कासित नेताओं की वापसी की संभावना को खारिज किया और पार्टी के आंतरिक मुद्दों पर चर्चा की। पलानीस्वामी ने आत्मसम्मान को प्राथमिकता देने की बात कही, यह सब उन्होंने दिवंगत मुख्यमंत्री सीएन अन्नादुरई की जयंती पर आयोजित सभा में कहा। जानें उनके विचार और पार्टी की स्थिति के बारे में अधिक जानकारी।
 

पलानीस्वामी का भाजपा के प्रति आभार

एआईएडीएमके के महासचिव एडप्पादी के पलानीस्वामी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को उनकी पार्टी के प्रति निरंतर समर्थन के लिए सराहा, विशेषकर पूर्व मुख्यमंत्री जे जयललिता के निधन के बाद। उन्होंने तमिलनाडु में कानून व्यवस्था बनाए रखने में डीएमके सरकार की विफलताओं की कड़ी निंदा की।


पार्टी में निष्कासित नेताओं की वापसी पर पलानीस्वामी का स्पष्ट रुख

पलानीस्वामी ने ओ. पन्नीरसेल्वम जैसे निष्कासित नेताओं को पार्टी में पुनः शामिल करने की संभावना को खारिज करते हुए कहा कि जिन लोगों ने पार्टी के साथ विश्वासघात किया है, उनके लिए कोई स्थान नहीं है। उन्होंने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की प्रशंसा की, जिसने 2017 में अन्नाद्रमुक सरकार को गिरने से बचाया।


पार्टी के आंतरिक मुद्दों पर चर्चा

पलानीस्वामी ने पन्नीरसेल्वम और टीटीवी दिनाकरन के लिए पार्टी के दरवाजे लगभग बंद कर दिए हैं। वहीं, वी के शशिकला और सेंगोत्तैयन ने 2026 के चुनाव से पहले अन्नाद्रमुक के विभिन्न धड़ों के एकजुट होने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की खबरों पर कहा कि यह तब आई जब पार्टी ने भारी बारिश के कारण धर्मपुरी में चुनाव प्रचार कार्यक्रम को स्थगित किया।


आत्मसम्मान को प्राथमिकता

पलानीस्वामी ने कहा, 'कोई भी अन्नाद्रमुक को नुकसान नहीं पहुंचा सकता। मैं यह स्पष्ट कर देता हूं, हमारे लिए सत्ता से अधिक आत्मसम्मान महत्वपूर्ण है। इस मामले में मैं कोई समझौता नहीं करूंगा।' यह बयान उन्होंने दिवंगत मुख्यमंत्री सीएन अन्नादुरई की जयंती पर आयोजित सभा में दिया।