×

एक नौकरी खोने के बाद युवा उद्यमी ने 44 लाख रुपये कमाए

उत्तर प्रदेश के युवा उद्यमी हर्षिल तोमर ने नौकरी खोने के बाद अपने स्टार्टअप से 44 लाख रुपये कमाए। उनकी कहानी इस बात का प्रमाण है कि सपनों के लिए जोखिम उठाना आवश्यक है। जानें कैसे उन्होंने कठिनाइयों का सामना किया और सफलता हासिल की।
 

एक नई शुरुआत की कहानी

ऐसे कमाए 44 लाख Image Credit source: Social Media

आजकल की दुनिया में नौकरी की अस्थिरता लोगों को चिंतित करती है, लेकिन कुछ लोग इसे अवसर में बदलने में सफल होते हैं। उत्तर प्रदेश के उद्यमी हर्षिल तोमर ने ऐसा ही किया। छह महीने पहले, वे एक अमेरिकी कंपनी में रिमोट जॉब कर रहे थे। सब कुछ सामान्य था, लेकिन एक दिन की स्टैंडअप कॉल ने उनकी जिंदगी की दिशा बदल दी। उस कॉल में उन्हें अचानक नौकरी से निकाल दिया गया, क्योंकि कंपनी ने कहा कि वे अपने स्टार्टअप पर ज्यादा ध्यान दे रहे थे।

हर्षिल ने अपने प्रबंधकों से अनुरोध किया कि उन्हें एक और मौका दिया जाए, लेकिन निर्णय पहले ही लिया जा चुका था। इस झटके ने उन्हें गहरे विचार में डाल दिया। नौकरी खोने के बाद, उन्होंने 10-15 दिनों तक सोचा कि क्या उन्हें फिर से सुरक्षित नौकरी की तलाश करनी चाहिए या अपने सपनों को पूरा करने का जोखिम उठाना चाहिए। उन्होंने दोस्तों से रेफरल्स मांगे और कुछ अवसर भी मिले, लेकिन वे जानते थे कि यह वही मोड़ है जहां से उनकी असली यात्रा शुरू हो सकती है।

जीवन में बदलाव कैसे लाया?

उनके पास केवल नौ महीने का समय था, और वह भी तब जब वे बेहद साधारण जीवन जीते। उन्होंने हर स्थिति का आकलन किया। सबसे अच्छा, सबसे बुरा और सामान्य स्थिति क्या हो सकती है। काफी सोचने के बाद, उन्होंने तय किया कि वे सादा जीवन जीएंगे और हर दिन अपने सपने को एक मौका देंगे। अगर वे सुरक्षा की तलाश में समय बर्बाद करेंगे, तो जिंदगी उन्हें हमेशा रिस्क न लेने की ओर धकेलेगी।

हर्षिल ने अपने माता-पिता से यह सब छुपा रखा है, जो अब भी मानते हैं कि उनका बेटा उसी पुरानी नौकरी पर काम कर रहा है। उनके सह-संस्थापक वसीम ने उनका पूरा समर्थन किया, बिना किसी आर्थिक मदद के ताकि हर्षिल पर अतिरिक्त बोझ न पड़े।

कमाई का आंकड़ा क्या है?

इन छह महीनों में, हर्षिल ने जीवन के उतार-चढ़ाव का असली अनुभव किया। कभी-कभी महीनों तक कोई क्लाइंट नहीं मिला, जबकि कभी बड़ी कंपनियों ने उनके साथ काम किया। इस संघर्ष ने उन्हें मजबूत और धैर्यवान बना दिया। हर्षिल के अनुसार, यह सफर उन्हें पहले से कहीं ज्यादा मजबूत बना गया है। अब मुश्किलें उन्हें उतनी नहीं डरातीं।

कड़ी मेहनत और लगातार प्रयासों के बाद, अक्टूबर तक उनका स्टार्टअप 44 लाख रुपये (लगभग 50,000 डॉलर) का राजस्व कमा चुका था। इसके अलावा, कंपनी ने स्पॉन्सर्स भी हासिल कर लिए और अपनी टीम को एक सदस्य से बढ़ाकर दस लोगों तक पहुंचा दिया। जब हर्षिल ने यह कहानी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर साझा की, तो यह तेजी से वायरल हो गई। हजारों लोगों ने उनके साहस और मेहनत की सराहना की।

कुछ लोगों ने सीधे मदद की पेशकश भी की। एक व्यक्ति ने लिखा, "अगर कभी डिज़ाइन, वित्तीय सहायता या किसी और चीज़ में मदद चाहिए, तो बस मैसेज कर देना।"