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एआईएमआईएम नेता वारिस पठान का मौलाना मदनी पर बयान: आतंकवाद का धर्म से संबंध नहीं

एआईएमआईएम नेता वारिस पठान ने जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी के बयान पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने आतंकवाद को किसी विशेष धर्म से जोड़ने की आलोचना की और कहा कि सभ्य समाज में आतंकवादियों के लिए कोई स्थान नहीं है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी इस पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी है, जिसमें उन्होंने कहा कि भारत में मुसलमानों को अवसर नहीं दिए जाने का तर्क गलत है। पठान ने अल फलाह यूनिवर्सिटी के संदर्भ में भेदभाव का आरोप भी लगाया।
 

वारिस पठान का मौलाना मदनी पर बयान

जमीयत उलेमा-ए-हिंद के प्रमुख मौलाना अरशद मदनी के हालिया बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए एआईएमआईएम के नेता वारिस पठान ने कहा कि मौलाना मदनी एक सम्मानित व्यक्ति हैं और उनका सम्मान किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि इस विषय पर टिप्पणी करना उनके लिए उचित नहीं है। पठान ने यह स्पष्ट किया कि उनका संगठन हमेशा आतंकवादी हमलों की निंदा करता रहा है और सभ्य समाज में आतंकवादियों के लिए कोई स्थान नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवाद को किसी विशेष धर्म से जोड़ना गलत है, जैसे कि इंदिरा गांधी और राजीव गांधी की हत्या करने वाले मुसलमान नहीं थे।


मुख्यमंत्री फडणवीस की प्रतिक्रिया

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मुद्दे पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि मौलाना मदनी का बयान पूरी तरह से गलत है और यह तर्क कि भारत में मुसलमानों को अवसर नहीं दिया जाता, निराधार है। फडणवीस ने कहा कि अगर कोई सच्चा मुसलमान और देशभक्त है, तो एपीजे अब्दुल कलाम जैसे व्यक्तित्व से सीख लेनी चाहिए।


भेदभाव का आरोप

पठान ने अल फलाह यूनिवर्सिटी के संदर्भ में मुसलमानों के साथ भेदभाव का आरोप लगाया। बीजेपी ने इस पर पलटवार करते हुए कहा कि 'आतंकी बचाओ जमात' सक्रिय हो गई है। उन्होंने यह भी कहा कि जहां अन्य देशों में मुसलमान मेयर बन सकते हैं, वहीं भारत में मुसलमानों को विश्वविद्यालयों में उपकुलपति बनने का अवसर नहीं मिलता। मदनी ने उदाहरण देते हुए कहा कि आजम खान जैसे नेताओं को जेल में डाल दिया जाता है।