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एंटीबायोटिक्स के दुष्प्रभाव: महिला की जीभ पर उगे बाल और काली हुई जीभ

जापान में एक 60 वर्षीय महिला की जीभ काली हो गई और उस पर बाल उग आए, जो एंटीबायोटिक्स के दुष्प्रभावों का परिणाम है। यह स्थिति 'ब्लैक हेयरी टंग' के नाम से जानी जाती है। महिला रेक्टल कैंसर से जूझ रही थी और कीमोथेरेपी के दौरान माइनोसाइक्लिन का सेवन कर रही थी। डॉक्टरों ने बताया कि दवा के प्रभाव से उसकी जीभ और त्वचा पर गंभीर परिवर्तन आए हैं। जानें इस चौंकाने वाली घटना के बारे में और इसके संभावित उपचार के उपाय।
 

एंटीबायोटिक्स का अनपेक्षित प्रभाव

Blackened tongue and grown hair, the doctor was also surprised to see the condition of the woman.


हाल के दिनों में एंटीबायोटिक्स का उपयोग आम हो गया है, लेकिन इसके अत्यधिक सेवन से स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकते हैं। जापान से एक अजीब घटना सामने आई है, जहां एक 60 वर्षीय महिला की जीभ काली हो गई और उस पर छोटे बाल उग आए। इस स्थिति को 'लिंगुआ विलोसा निग्रा' या 'ब्लैक हेयरी टंग' (BHT) कहा जाता है। यह जानने की जिज्ञासा होती है कि ऐसा कैसे हुआ।


ब्रिटिश मेडिकल जर्नल केस की रिपोर्ट के अनुसार, यह महिला रेक्टल कैंसर से पीड़ित थी, जिसका इलाज 14 महीने पहले जापान में शुरू हुआ था। कीमोथेरेपी के दुष्प्रभावों को कम करने के लिए, महिला ने माइनोसाइक्लिन नामक दवा का सेवन किया, जो मुंहासों से लेकर निमोनिया तक के इलाज में उपयोग होती है। इसके सेवन से महिला के चेहरे पर काले धब्बे और जीभ काली होने लगी।


एक मीडिया चैनल की रिपोर्ट के अनुसार, डॉक्टरों ने बताया कि महिला को पैनिटुमुमाब-इंड्यूस्ड त्वचा के घावों को रोकने के लिए 100 मिलीग्राम/दिन माइनोसाइक्लिन दिया गया था। इसके कुछ समय बाद, दवा के प्रभाव से महिला की जीभ काली हो गई और उस पर बाल उग आए। एंटीबायोटिक के इस दुष्प्रभाव ने महिला को BHT का शिकार बना दिया। इसके परिणामस्वरूप, उनकी त्वचा भी ग्रे हो गई। डॉक्टरों ने बताया कि दवाओं में बदलाव किया गया है और उनकी स्थिति में सुधार की उम्मीद की जा रही है।