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एंजेल चकमा की हत्या पर राहुल और अखिलेश का गहरा दुख

एंजेल चकमा की हत्या ने पूरे देश में आक्रोश पैदा कर दिया है। राहुल गांधी और अखिलेश यादव ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। राहुल ने नफरत की बढ़ती प्रवृत्ति और समाज में हिंसा के सामान्य होने की चिंता जताई। वहीं, अखिलेश ने विघटनकारी सोच को जिम्मेदार ठहराया और शांति की अपील की। जानें इस घटना के पीछे की सोच और नेताओं के विचार।
 

एंजेल चकमा की हत्या से देश में आक्रोश

एंजेल चकमा की हत्या ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है.

एंजेल चकमा की हत्या ने पूरे देश में गहरा आक्रोश पैदा कर दिया है। कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने अपने ट्वीट में कहा कि देहरादून में एंजेल चकमा और उनके भाई माइकल के साथ जो हुआ, वह न केवल दुखद है बल्कि नफरत से भरी एक घटना भी है। उन्होंने कहा कि नफरत अचानक नहीं फैलती, बल्कि यह लंबे समय से युवाओं के मन में जहर की तरह भरी जा रही है।

राहुल ने यह भी कहा कि गलत सूचनाएं और जिम्मेदार पदों पर बैठे लोगों के भड़काऊ बयानों ने समाज में हिंसा को सामान्य बना दिया है। हमारा देश प्रेम, सम्मान और एकता के लिए जाना जाता है, न कि डराने-धमकाने या नफरत के लिए। हमें एक ऐसा समाज नहीं बनाना चाहिए जो अपने लोगों पर हो रहे अत्याचार को चुपचाप देखता रहे। उन्होंने कहा कि हमें यह सोचने की जरूरत है कि हम अपने देश को किस दिशा में ले जा रहे हैं। राहुल ने चकमा परिवार, त्रिपुरा और पूर्वोत्तर के सभी लोगों के प्रति अपनी एकजुटता व्यक्त की।

अखिलेश यादव का बयान: विघटनकारी सोच का दुष्परिणाम

सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी एंजेल चकमा की हत्या पर दुख व्यक्त किया। उन्होंने ट्वीट में कहा कि त्रिपुरा के एक छात्र की हत्या नफरत से भरी मानसिकता का परिणाम है। उन्होंने कहा कि विघटनकारी सोच रोज किसी की जान ले रही है और ऐसे लोग सरकारी संरक्षण में फल-फूल रहे हैं। इन नकारात्मक तत्वों से देश की एकता और अखंडता को खतरा है।

अखिलेश ने आगे कहा कि इस हिंसक माहौल में यह आवश्यक है कि हम सभी शांति और सौहार्द के विचार वाले लोग एकजुट होकर ऐसे असामाजिक तत्वों की पहचान करें और उनका बहिष्कार करें, अन्यथा हम में से कोई भी कल इनकी हिंसा का शिकार हो सकता है। उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय से स्वत: संज्ञान लेकर न्याय सुनिश्चित करने की अपील की।

एंजेल की जिंदगी और मौत की जंग

एंजेल चकमा ने 17 दिन तक अस्पताल में जिंदगी और मौत की जंग लड़ी, लेकिन 26 दिसंबर को उनकी मृत्यु हो गई। एंजेल और उनके छोटे भाई माइकल का मणिपुर के सूरज ख्वास और उसके पांच दोस्तों के साथ किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ था। इसी दौरान आरोपियों ने एंजेल पर चाकू से हमला कर दिया, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। 17 दिन बाद उनकी मृत्यु हो गई।