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उमर अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार की फंडिंग की सराहना की, लेकिन राज्य का दर्जा वापस न मिलने पर जताई चिंता

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार की उदार फंडिंग की सराहना की, लेकिन राज्य का दर्जा वापस न मिलने पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि उनकी प्रशंसा किसी को खुश करने के लिए नहीं है और केंद्र सरकार की कमियों को भी उजागर किया। इसके अलावा, उन्होंने हिजाब विवाद पर बीजेपी की प्रतिक्रिया पर कटाक्ष किया। जानें उनके विचार और राजनीति में उनके दृष्टिकोण के बारे में अधिक जानकारी।
 

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की टिप्पणियाँ

सीएम उमर अब्दुल्ला

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने केंद्र शासित प्रदेश को उदार फंडिंग देने के लिए सरकार की सराहना की है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह प्रशंसा किसी को खुश करने के लिए नहीं है। इसके साथ ही, उन्होंने जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस देने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की सहायता जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा लौटाने तक नहीं पहुंची है।

सीएम अब्दुल्ला ने कहा कि वे उन लोगों में से नहीं हैं जो राजनीति में धोखा देते हैं। उन्होंने केंद्र सरकार के अच्छे कार्यों की सराहना की, लेकिन कमियों को भी उजागर किया।

‘राज्य का दर्जा बहाल करने की आवश्यकता’

उन्होंने कहा कि राज्य का दर्जा बहाल करने के अलावा उन्हें केंद्र सरकार से कोई अन्य शिकायत नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने शिकायतों का कोई मौका नहीं छोड़ा है, लेकिन राज्य के दर्जे के मामले में केवल शिकायतें ही दी हैं।

हाल ही में, मुख्यमंत्री ने दिल्ली में केंद्र सरकार की उदार फंडिंग की प्रशंसा की थी। जम्मू-कश्मीर लौटने पर विपक्ष ने उन पर आरोप लगाया कि वे दिल्ली में भाजपा की तारीफ कर रहे हैं और कश्मीर में उसकी आलोचना कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने मीडिया से कहा कि वे कोई उदाहरण दें जब उन्होंने दिल्ली में कुछ और कहा हो और श्रीनगर में कुछ और।

हिजाब विवाद पर बीजेपी पर कटाक्ष

हिजाब विवाद पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का बचाव करने के लिए केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की आलोचना करते हुए, उन्होंने कहा कि बीजेपी नेताओं से ऐसे व्यवहार की उम्मीद की जा सकती है। मीडिया से बातचीत में सीएम अब्दुल्ला ने कहा कि यदि स्थिति उल्टी होती और किसी मुस्लिम नेता ने हिंदू महिला का घूंघट हटाया होता, तो बीजेपी हंगामा खड़ा कर देती।

उन्होंने सवाल किया कि अगर राजस्थान या हरियाणा की कोई हिंदू महिला घूंघट पहने होती और उन्होंने उसे हटाया होता, तो क्या बीजेपी यही प्रतिक्रिया देती? उन्होंने कहा कि अब, चूंकि वह एक मुस्लिम महिला डॉक्टर थी, इसलिए बीजेपी की प्रतिक्रिया अलग है।