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उमर अब्दुल्ला का बयान: निर्दोष कश्मीरी मुसलमानों पर संदेह नहीं होना चाहिए

जम्मू एवं कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने दिल्ली में हुए कार विस्फोट के बाद कश्मीरी मुसलमानों पर संदेह न करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि इस घटना के लिए जिम्मेदार लोगों को सजा मिलनी चाहिए और कश्मीरी छात्रों पर बढ़ती निगरानी की चिंता जताई। इसके अलावा, जांच में गिरफ्तारियों और सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल के भंडाफोड़ की जानकारी भी साझा की। जानें इस मामले में और क्या हुआ।
 

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला का बयान

जम्मू एवं कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने 10 नवंबर को दिल्ली में हुए कार बम विस्फोट के संदर्भ में कहा है कि किसी भी निर्दोष कश्मीरी मुसलमान पर संदेह नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि इस घटना के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए। उमर अब्दुल्ला ने स्पष्ट किया कि दिल्ली में हुई घटना के लिए केवल कुछ ही लोग जिम्मेदार हैं, लेकिन ऐसा माहौल बनाया गया है जैसे सभी कश्मीरी इसमें शामिल हैं।


दिल्ली में कश्मीरी गाड़ियों पर निगरानी

उमर अब्दुल्ला ने यह भी बताया कि आजकल दिल्ली में जम्मू-कश्मीर के पंजीकरण वाली गाड़ी चलाना एक अपराध की तरह माना जा रहा है। जब उनके पास सुरक्षा नहीं होती, तो उन्हें भी यह सोचने पर मजबूर होना पड़ता है कि गाड़ी चलाएं या नहीं, क्योंकि लोग उन्हें रोककर पहचान और यात्रा का उद्देश्य पूछते हैं। यह बयान तब आया जब घाटी के निवासियों ने चिंता जताई कि दिल्ली में हुए विस्फोट के बाद कश्मीरी छात्रों और पेशेवरों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है।


जांच में गिरफ्तारियां

जांचकर्ताओं ने कार चालक के रूप में पुलवामा के डॉक्टर उमर उन नबी की पहचान की है, जो फरीदाबाद स्थित अल फलाह विश्वविद्यालय में कार्यरत थे। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने इस मामले में अब तक दो लोगों को गिरफ्तार किया है। हाल ही में, एजेंसी ने कश्मीर के एक प्लंबर आमिर राशिद अली को गिरफ्तार किया, जो उस गाड़ी का मालिक था जिसे नबी चला रहा था। इसके अलावा, 10 नवंबर को हुए लाल किला विस्फोट से जुड़े एक अन्य सह-साजिशकर्ता, 20 वर्षीय जसबीर बिलाल वानी को भी गिरफ्तार किया गया।


सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़

इससे पहले, जम्मू-कश्मीर पुलिस ने अन्य राज्यों की सुरक्षा एजेंसियों के साथ मिलकर 'सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल' का भंडाफोड़ किया था। इस अभियान में अल फलाह में कार्यरत दो कश्मीरी डॉक्टरों, डॉ. मुज़म्मिल गनई और डॉ. अदील राथर सहित सात लोगों को गिरफ्तार किया गया था। इसके साथ ही, फरीदाबाद से लगभग 3,000 किलोग्राम विस्फोटक और उपकरण भी बरामद किए गए।