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उपेंद्र कुशवाहा की रैली: परिसीमन सुधार की मांग और चुनावी रणनीति

उपेंद्र कुशवाहा, राष्ट्रीय लोक मोर्चा के प्रमुख, पटना में परिसीमन सुधार की मांग को लेकर एक महत्वपूर्ण रैली आयोजित करने जा रहे हैं। उन्होंने इसे ऐतिहासिक बताते हुए एनडीए सरकार के कार्यों की सराहना की है। कुशवाहा ने चुनावी रणनीति के तहत सीट बंटवारे की तैयारी की बात की और रैली के समय को शिक्षक दिवस और जगदेव प्रसाद की पुण्यतिथि से जोड़ा। जानें इस रैली का राजनीतिक महत्व और कुशवाहा की योजनाएँ।
 

उपेंद्र कुशवाहा की ऐतिहासिक रैली

राष्ट्रीय लोक मोर्चा (आरएलएम) के नेता उपेंद्र कुशवाहा ने शुक्रवार को पटना में परिसीमन सुधार के लिए एक रैली आयोजित करने की योजना बनाई है। उन्होंने इसे मिलर हाई स्कूल मैदान में होने वाले कार्यक्रम के लिए एक ऐतिहासिक और अभूतपूर्व कदम बताया। कुशवाहा ने कहा कि एनडीए सरकार ने राज्य और केंद्र में अच्छा कार्य किया है और उन्हें (बिहार में) फिर से सत्ता में लाना है। उन्होंने लोगों का धन्यवाद करते हुए कहा कि लोग इसी भावना से यहाँ आए हैं। उनका अभियान मुद्दों पर आधारित है। 


बिहार चुनाव के लिए सीट बंटवारे की तैयारी

बिहार चुनाव के संदर्भ में सीट बंटवारे पर उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि वे लगभग सभी सीटों के लिए तैयार हैं। जहां भी उनके गठबंधन के उम्मीदवार होंगे, वे उनकी सहायता करेंगे और जहां उनकी पार्टी के उम्मीदवार होंगे, उन्हें जीताने का प्रयास करेंगे। कुशवाहा ने इस आयोजन को चुनावी गतिविधियों के बजाय मुद्दों पर आधारित राजनीतिक लामबंदी बताया और कहा कि इसका उद्देश्य केंद्र पर दबाव बनाना है। उन्होंने स्पष्ट किया, "हम हंगामा करके राजनीति नहीं करते, बल्कि लोगों की समस्याओं के समाधान पर ध्यान केंद्रित करते हैं।"


रैली का प्रतीकात्मक महत्व

रैली का समय प्रतीकात्मक रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह शिक्षक दिवस के साथ-साथ कुशवाहा समुदाय के प्रमुख नेता जगदेव प्रसाद की पुण्यतिथि भी है, जिनकी हत्या 1974 में हुई थी। प्रसाद की शहादत की याद में रैलियाँ बिहार की राजनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रही हैं, और कुशवाहा ने इसी कारण से इस तारीख का चयन किया। आरएलएम के नेता ने पूर्ववर्ती सरकारों, विशेषकर कांग्रेस प्रशासन पर संवैधानिक प्रक्रियाओं को बाधित करने का आरोप भी लगाया है।