उपराष्ट्रपति ने ऑडिट के महत्व पर जोर दिया, कहा यह नवोन्मेष का साधन है
उपराष्ट्रपति का ऑडिट दिवस पर संबोधन
रविवार को उपराष्ट्रपति सी पी राधाकृष्णन ने कहा कि ऑडिट अब केवल एक पूर्वव्यापी प्रक्रिया नहीं रह गई है, बल्कि यह सुधार, दृष्टिकोण और नवाचार का एक महत्वपूर्ण उपकरण बन चुका है।
भारतीय नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) के ऑडिट दिवस के उद्घाटन के अवसर पर उन्होंने बताया कि इस संस्थान ने लेखापरीक्षा की प्रक्रियाओं में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं, जिससे सुशासन को बढ़ावा मिला है और कार्यकारी जवाबदेही को मजबूत किया गया है।
उपराष्ट्रपति ने आईआईटी और आईआईएम जैसे प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों के साथ सहयोग के माध्यम से क्षमता निर्माण में हाल की पहलों की भी सराहना की।
उन्होंने कहा कि कैग आर्थिक, सामाजिक, प्रौद्योगिकी, पर्यावरणीय और संस्थागत विकास में सरकार के प्रयासों में एक विश्वसनीय सहयोगी के रूप में कार्य कर रहा है। ऑडिट दिवस कैग की स्थापना के 166वें वर्ष की शुरुआत का प्रतीक है।
राधाकृष्णन ने कहा, 'कैग सार्वजनिक खजाने का रक्षक है। यह लेखांकन विवरणों में प्रस्तुत तथ्यों, आंकड़ों और प्रमाणों को सुनता है।' उन्होंने यह भी बताया कि एक संवैधानिक प्राधिकरण के रूप में, यह शासन, सार्वजनिक विश्वास और जवाबदेही पर आवश्यक प्रतिक्रिया प्रदान करता है।