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उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र सरकार पर मराठी भाषा को खत्म करने का आरोप लगाया

उद्धव ठाकरे ने शनिवार को भाजपा नीत महाराष्ट्र सरकार पर मराठी भाषा को खत्म करने का आरोप लगाया। उन्होंने भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे मंत्रियों को बर्खास्त न करने के लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को असहाय बताया। ठाकरे ने कहा कि उनकी पार्टी भ्रष्टाचार के खिलाफ राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन करेगी। इसके अलावा, उन्होंने विवादास्पद सरकारी प्रस्तावों के खिलाफ भी आवाज उठाई, जो छात्रों पर हिंदी थोपने से संबंधित थे। ठाकरे का यह बयान राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है।
 

ठाकरे का आरोप

शिवसेना (उबाठा) के नेता उद्धव ठाकरे ने शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार पर मराठी भाषा को समाप्त करने का प्रयास करने का आरोप लगाया।


मुख्यमंत्री की असहायता

ठाकरे ने भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे मंत्रियों को बर्खास्त न करने के लिए देवेंद्र फडणवीस को असहाय मुख्यमंत्री करार दिया। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने मंत्रियों के भ्रष्टाचार के सबूत पेश किए, लेकिन उन्हें केवल चेतावनी देकर छोड़ दिया गया।


विलय और विरोध

ठाकरे के निवास मातोश्री में शेतकरी क्रांति संगठन का शिवसेना (उबाठा) में विलय हुआ। ठाकरे ने कहा, 'मैंने पहले कभी इतना असहाय मुख्यमंत्री नहीं देखा। कोई भी किसी से जवाब नहीं मांग सकता।'


कोकाटे का विवाद

विपक्षी दल राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के मंत्री माणिकराव कोकाटे के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। उन्हें एक वायरल वीडियो के कारण आलोचना का सामना करना पड़ा, जिसमें वे विधान परिषद में ऑनलाइन 'रमी' खेलते हुए दिखाई दिए। इसके बाद उन्हें किसानों के प्रति असंवेदनशील टिप्पणी के लिए भी आलोचना का सामना करना पड़ा।


मंत्रालय में बदलाव

बृहस्पतिवार की रात को कोकाटे को कृषि मंत्रालय से खेल एवं युवा कल्याण विभाग में स्थानांतरित कर दिया गया। शिवसेना (यूबीटी) ने अपने प्रतिद्वंद्वी शिवसेना के मंत्रियों संजय शिरसाट, संजय राठौड़ और योगेश कदम पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए उनके इस्तीफे की मांग की।


राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन

ठाकरे ने कहा कि उनकी पार्टी मंत्रियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मुद्दे पर राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन करेगी। विवाद पर, पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, 'सरकार महाराष्ट्र से मराठी को खत्म करने की कोशिश कर रही है।'


विवादास्पद प्रस्ताव

ठाकरे ने मंत्रालय के शिवालय में एक अलग कार्यक्रम में कहा, 'हमें किसी से कोई नफरत नहीं है, लेकिन हम पर कोई नहीं थोपें।' उनका इशारा कक्षा एक से पांच तक के छात्रों के लिए त्रिनीति और हिंदी थोपने से संबंधित दो विवादास्पद सरकारी प्रस्तावों की ओर था।


जीआर का विरोध

विभिन्न वर्गों के कड़े विरोध के बाद जीआर वापस ले लिए गए थे। उद्धव और उनके चचेरे भाई राज ठाकरे ने हिंदी के जीआर वापस लिए जाने का जश्न मनाने के लिए पांच जुलाई को एक संयुक्त रैली को संबोधित किया।