उद्धव ठाकरे ने उपराष्ट्रपति चुनाव और किसानों के मुद्दों पर की चर्चा
उद्धव ठाकरे ने उपराष्ट्रपति चुनाव में समर्थन देने के निर्णय को भाजपा के उम्मीदवार की घोषणा के बाद करने की बात कही। उन्होंने किसानों के मुद्दों पर सरकार की नीतियों की आलोचना की और स्थानीय निकाय चुनावों में वीवीपैट मशीनों के उपयोग पर भी सवाल उठाए। ठाकरे ने किसानों के विरोध प्रदर्शनों का जिक्र करते हुए सरकार के झूठों को उजागर किया। उनकी टिप्पणियाँ आगामी चुनावों और राजनीतिक गठबंधनों के संदर्भ में महत्वपूर्ण हैं।
Aug 7, 2025, 13:02 IST
उद्धव ठाकरे का बयान
शिवसेना के नेता उद्धव ठाकरे ने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी उपराष्ट्रपति चुनाव में समर्थन देने का निर्णय सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा अपने उम्मीदवार की घोषणा के बाद ही लेगी। उन्होंने जगदीप धनखड़ के अचानक पद छोड़ने के कारणों पर भी चर्चा की। पूर्व मुख्यमंत्री ने परिवार के राजनीतिक पुनर्मिलन और आगामी चुनावों में कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडिया ब्लॉक के साथ संभावित गठबंधन पर भी विचार किया, जिसमें उनके चचेरे भाई राज ठाकरे की पार्टी एमएनएस का भविष्य शामिल है।
स्थानीय निकाय चुनावों पर टिप्पणी
उद्धव ठाकरे ने कहा कि वे और उनके भाई एक-दूसरे के साथ गठबंधन पर निर्णय लेने में सक्षम हैं, और इसमें इंडिया ब्लॉक का कोई हस्तक्षेप नहीं है। उन्होंने स्थानीय निकाय चुनावों में वीवीपैट वोटर ट्रेल मशीनों के उपयोग को लेकर राज्य चुनाव आयोग के निर्णय की आलोचना की। बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी), पुणे, नागपुर और नासिक में होने वाले प्रमुख स्थानीय निकाय चुनावों का जिक्र किया।
किसानों के मुद्दे पर सरकार पर हमला
उद्धव ठाकरे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'किसान सर्वोच्च प्राथमिकता हैं' वाली टिप्पणी पर सवाल उठाया। यह टिप्पणी उस समय आई जब अमेरिका ने भारतीय वस्तुओं पर 25 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाया था। उन्होंने कहा कि सरकार ने 2020-21 में कृषि विधेयकों के खिलाफ हुए प्रदर्शनों के दौरान किसानों की अनदेखी की। ठाकरे ने याद दिलाया कि प्रदर्शनकारियों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोका गया और कुछ की मृत्यु भी हुई।
सरकार के झूठों का खुलासा
शिवसेना (यूबीटी) के प्रमुख ने संवाददाताओं से कहा, "जो किसान दिल्ली आना चाहते थे, उन्हें रोका गया। कुछ गरीब किसान मर गए। तब आपको किसान याद नहीं आए। अब आपको किसान याद आ रहे हैं।" उन्होंने कहा कि सरकार के झूठ अब सामने आ रहे हैं। ठाकरे ने कहा कि अब हर कोई कहता है कि 'मैं किसान का बेटा हूँ', जिसका मतलब है कि उनके पिता भूख हड़ताल पर थे और उन्हें दिल्ली आने की अनुमति नहीं थी। उन पर बंदूकें तान दी गईं और उन्हें नक्सली कहा गया। उनके सारे झूठ धीरे-धीरे बेनकाब हो रहे हैं।