उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के बीच संभावित पुनर्मिलन की चर्चा तेज
उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के बीच संभावित पुनर्मिलन की चर्चा ने महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मचा दी है। उद्धव ने अपने चचेरे भाई के साथ मिलकर काम करने की इच्छा जताई है, जबकि आदित्य ठाकरे ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि वह राज्य के हितों के खिलाफ काम कर रही है। दोनों नेताओं के बीच बातचीत की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया है। क्या ये चचेरे भाई फिर से एकजुट होंगे? जानें इस राजनीतिक घटनाक्रम के बारे में अधिक जानकारी।
Jun 9, 2025, 09:57 IST
राज ठाकरे के साथ पुनर्मिलन की अटकलें
शिवसेना (यूबीटी) के नेता उद्धव ठाकरे ने राज्य में स्थानीय निकाय चुनावों से पहले अपने चचेरे भाई राज ठाकरे के साथ संभावित पुनर्मिलन की अटकलों को बढ़ावा दिया है। इस संदर्भ में पार्टी के विधायक आदित्य ठाकरे ने भी अफवाहों को हवा दी है। उद्धव ठाकरे ने हाल ही में कहा था, “महाराष्ट्र के दिल में जो है, वही होगा।”
आदित्य ठाकरे का बयान
रविवार को पत्रकारों से बात करते हुए, आदित्य ठाकरे ने कहा, “हम हमेशा यह कहते आए हैं कि हम किसी भी व्यक्ति या पार्टी के साथ काम करने के लिए तैयार हैं, जो महाराष्ट्र और मराठी भाषी लोगों के हित में काम करने को इच्छुक है।” उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह “मुंबई और महाराष्ट्र को निगलने” का प्रयास कर रही है और राज्य के साथ अन्याय कर रही है।
क्या ठाकरे के चचेरे भाई फिर से मिलेंगे?
राज ठाकरे ने पहले कहा था कि मराठी समुदाय के लिए एकजुट होना “कठिन नहीं है।” हालांकि, उद्धव ने स्पष्ट किया कि सुलह के लिए "तुच्छ मुद्दों" को नजरअंदाज करना होगा और उन लोगों को खारिज करना होगा जो महाराष्ट्र के हितों के खिलाफ काम कर रहे हैं। आदित्य ने कहा, "हमारी जिम्मेदारी बदलाव लाना है।" उन्होंने कहा कि जो भी पार्टी महाराष्ट्र के हितों की रक्षा कर रही है, उसे एकजुट होकर लड़ना चाहिए।
भाईयों के बीच बातचीत की आवश्यकता
उद्धव और राज ठाकरे के बीच संभावित गठबंधन पर बढ़ती चर्चा के बीच, मनसे नेता अमित ठाकरे ने कहा कि इस मामले को सार्वजनिक बयानों के माध्यम से तय नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि केवल दोनों भाइयों के बीच सीधी बातचीत ही किसी सार्थक नतीजे पर पहुंचा सकती है। अमित ने कहा, "केवल दोनों भाइयों को बात करनी चाहिए।"
जमीनी हालात की समीक्षा
उद्धव ठाकरे ने रविवार को जमीनी हालात की समीक्षा के लिए पार्टी नेताओं की बैठक बुलाई। उन्होंने नेताओं से कहा कि उन्हें मतदाताओं और नागरिकों के बीच कार्यक्रम आयोजित करने चाहिए। उद्धव ने कहा, "हमारे कार्यकर्ताओं और नेताओं को जमीनी स्तर पर लोगों से संपर्क करते हुए और उनके मुद्दों पर आवाज उठाते हुए दिखना चाहिए।"