×

उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे की मुलाकात: संभावित गठबंधन की चर्चा

उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे की हालिया मुलाकात ने महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मचा दी है। दोनों नेताओं के बीच संभावित गठबंधन की चर्चा हो रही है, खासकर आगामी स्थानीय निकाय चुनावों के मद्देनजर। कांग्रेस के नेताओं ने भी इस मुद्दे पर विचार किया है। जानें इस बैठक के पीछे की राजनीति और इसके संभावित परिणामों के बारे में।
 

उद्धव और राज ठाकरे की महत्वपूर्ण बैठक

शिवसेना (उबाठा) के नेता उद्धव ठाकरे ने बुधवार को अपने चचरे भाई और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे से उनके निवास पर मुलाकात की। यह बैठक मुंबई के दादर में राज ठाकरे के आवास 'शिवतीर्थ' पर हुई, जहां दोनों दलों के बीच संभावित गठबंधन की अटकलें चल रही हैं।


कांग्रेस की भूमिका

सोमवार को कांग्रेस के नेताओं ने उद्धव ठाकरे से मुलाकात की, जिसमें शिवसेना (उबाठा) और मनसे के बीच गठबंधन के मुद्दे पर चर्चा की गई। कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि वे इस विषय पर अपने आलाकमान से विचार करेंगे। यह दोनों चचेरे भाइयों के बीच पिछले दो हफ्तों में दूसरी बार हुई सार्वजनिक मुलाकात थी।


संजय राउत का बयान

शिवसेना सांसद संजय राउत ने संवाददाताओं को बताया कि उद्धव ठाकरे राज की मां कुंडा से मिलने गए थे, जो उनकी 'मां की बहन' हैं। हालांकि, उन्होंने इस मुलाकात के राजनीतिक पहलू पर ज्यादा जानकारी नहीं दी।


भाषाई विवाद और राजनीतिक समीकरण

महाराष्ट्र सरकार द्वारा हिंदी को थोपने के आरोपों के बीच, उद्धव और राज ने 5 जुलाई को मुंबई में अपनी 'जीत' का जश्न मनाने के लिए एक मंच साझा किया था। जुलाई के अंत में, राज ने उद्धव को उनके जन्मदिन पर बधाई देने के लिए मातोश्री पर भी मुलाकात की थी।


गठबंधन की संभावनाएं

राज और उद्धव के बीच संबंध सुधारने की कोशिशें 2024 के विधानसभा चुनावों के मद्देनजर हो रही हैं। दोनों पार्टियों ने आगामी स्थानीय निकाय चुनावों के लिए गठबंधन बनाने के संकेत दिए हैं, लेकिन अभी तक कोई औपचारिक घोषणा नहीं की गई है। यदि ऐसा होता है, तो भाजपा उनकी मुख्य प्रतिद्वंद्वी होगी।


मुख्यमंत्री का बयान

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ठाकरे परिवार के बीच हुई बैठक के बारे में कहा कि उनके पास यह जानने का कोई तरीका नहीं है कि दोनों भाइयों के मन में क्या है। उन्होंने कहा कि उन्हें इस बैठक के बारे में कोई जानकारी नहीं है।


भाजपा की प्रतिक्रिया

भाजपा के मुंबई इकाई के प्रमुख अमित साटम ने कहा कि नागरिकों को राजनीतिक नेताओं के पारिवारिक रिश्तों से ज्यादा विकास की चिंता है। उन्होंने कहा कि मुंबईवासी विकास के मुद्दों के आधार पर वोट देंगे।


विपक्षी खेमे की स्थिति

शिवसेना (उबाठा), कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) विपक्षी खेमे मविआ में साझेदार हैं। दोनों दलों के गठबंधन को लेकर पूरे महाराष्ट्र में चर्चा चल रही है, खासकर जब पिछले महीने 'बृहन्मुंबई इलेक्ट्रिक सप्लाई एंड ट्रांस्पोर्ट' (बेस्ट) के चुनाव में दोनों दलों को हार का सामना करना पड़ा।