उद्धव और राज ठाकरे का हिंदी मुद्दे पर एकजुटता: संजय राउत का बयान
महाराष्ट्र में हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में पुनः शामिल करने के निर्णय पर उद्धव और राज ठाकरे ने एकजुटता दिखाई। संजय राउत ने स्पष्ट किया कि उनका विरोध केवल प्राथमिक विद्यालयों में हिंदी को अनिवार्य करने तक सीमित है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने भी ठाकरे बंधुओं के समर्थन में अपनी बात रखी। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया।
Jul 6, 2025, 15:33 IST
ठाकरे बंधुओं का जश्न और हिंदी पर विवाद
महाराष्ट्र सरकार द्वारा हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में पुनः शामिल करने के निर्णय पर, हाल ही में चचेरे भाई उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे एक साथ आए और इसका जश्न मनाया। हालांकि, रविवार को उद्धव सेना ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के समर्थन से खुद को अलग कर लिया, जिसमें स्टालिन ने हिंदी के खिलाफ ठाकरे बंधुओं का समर्थन किया था। उद्धव सेना का कहना है कि उनका विरोध केवल प्राथमिक विद्यालयों में हिंदी को अनिवार्य बनाने तक सीमित है।
संजय राउत का स्पष्ट बयान
हमारी लड़ाई यहीं तक सीमित है: संजय राउत
उद्धव सेना के सांसद संजय राउत ने स्पष्ट किया कि स्टालिन का हिंदी के खिलाफ रुख यह नहीं दर्शाता कि वे हिंदी नहीं बोलेंगे या किसी और को बोलने से रोकेंगे। उन्होंने कहा, 'महाराष्ट्र में हमारा दृष्टिकोण अलग है। हम हिंदी बोलते हैं, लेकिन प्राथमिक विद्यालयों में हिंदी को अनिवार्य करने का विरोध करते हैं। हमारी लड़ाई यहीं तक सीमित है।'
स्टालिन का समर्थन और ठाकरे बंधुओं की एकता
स्टालिन ने किया था ठाकरे बंधुओं की एकता का स्वागत
उद्धव और राज ठाकरे का एक मंच पर आना लगभग दो दशकों बाद हुआ है। स्टालिन ने इस एकता का स्वागत करते हुए कहा कि हिंदी थोपे जाने के खिलाफ यह संघर्ष अब महाराष्ट्र में भी फैल रहा है। उन्होंने एक्स पर लिखा, 'द्रविड़ मुनेत्र कड़गम और तमिलनाडु के लोगों द्वारा हिंदी थोपे जाने के खिलाफ चलाया गया संघर्ष अब राज्य की सीमाओं को पार कर चुका है।'