उत्तराखंड सरकार ने मंदिरों में भीड़ प्रबंधन के लिए नई योजना बनाई
भगदड़ की घटना के बाद सुरक्षा उपायों की समीक्षा
हरिद्वार स्थित मनसा देवी मंदिर में हाल ही में हुई भगदड़ के मद्देनजर, उत्तराखंड सरकार ने प्रदेश के प्रमुख मंदिरों में भीड़ प्रबंधन और श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए एक नई योजना बनाने का निर्णय लिया है। इस योजना के तहत विशेषज्ञों द्वारा विभिन्न पहलुओं का परीक्षण किया जाएगा और मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार की जाएगी।
मनसा देवी मंदिर में हुई भगदड़
रविवार को मनसा देवी मंदिर क्षेत्र में हुई भगदड़ में आठ श्रद्धालुओं की जान चली गई और 30 अन्य घायल हुए। इस घटना के बाद, प्रदेश के धार्मिक स्थलों की सुरक्षा को लेकर एक बैठक आयोजित की गई, जिसमें मुख्य सचिव आनंद बर्धन ने कहा कि पहले चरण में महत्वपूर्ण मंदिरों जैसे मनसा देवी, चण्डी देवी, नीलकंठ, कैंचीधाम और पूर्णागिरि का सर्वेक्षण किया जाएगा।
विशेषज्ञों की टीम द्वारा सर्वेक्षण
मुख्य सचिव ने बताया कि विशेषज्ञों की टीम इन मंदिरों का सर्वेक्षण करेगी, जिसमें भीड़ प्रबंधन, निकासी योजना और 'बॉटल नेक एरिया' के लिए तकनीकी पहलुओं का परीक्षण शामिल होगा। इसके बाद एक योजना बनाई जाएगी और एसओपी तैयार की जाएगी।
स्थानीय प्रशासन को निर्देश
बर्धन ने स्थानीय प्रशासन और धार्मिक स्थलों के हितधारकों को निर्देश दिया कि वे विशेषज्ञों की टीम को सभी प्रकार की सहायता प्रदान करें। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश के उन धार्मिक स्थलों को चिह्नित किया जाए, जहां महत्वपूर्ण दिनों पर श्रद्धालुओं की अधिक भीड़ के कारण भगदड़ जैसी घटनाएं हो सकती हैं।
सुरक्षा उपायों को लागू करने के निर्देश
मुख्य सचिव ने धार्मिक स्थलों के मार्गों में सार्वजनिक स्थलों को अतिक्रमण मुक्त करने, मार्गों को चौड़ा करने, और भीड़ प्रबंधन के लिए तकनीक का उपयोग करने के निर्देश दिए। इसके साथ ही, अत्यधिक भीड़ होने पर श्रद्धालुओं को रोकने के लिए स्थान तैयार करने की भी बात कही।