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उत्तराखंड में साहित्यिक पर्यटन को बढ़ावा देने की पहल

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हिंदी दिवस पर प्रमुख साहित्यकारों को दीर्घकालीन साहित्य सेवी सम्मान से नवाजा। उन्होंने प्रदेश को साहित्यिक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए दो साहित्यिक ग्रामों की स्थापना की योजना की घोषणा की। इसके साथ ही, साहित्यकारों को पुरस्कार राशि और पुस्तक प्रकाशन के लिए अनुदान देने की जानकारी भी साझा की। यह कदम राज्य की समृद्ध साहित्यिक धरोहर को संरक्षित करने और नई पीढ़ी को रचनात्मक लेखन के लिए प्रेरित करने की दिशा में महत्वपूर्ण है।
 

मुख्यमंत्री ने साहित्यकारों को सम्मानित किया

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को हिंदी दिवस के अवसर पर प्रदेश के प्रमुख साहित्यकारों को दीर्घकालीन साहित्य सेवी सम्मान से नवाजा। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार प्रदेश को एक साहित्यिक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए दो साहित्यिक ग्रामों की स्थापना कर रही है।


सम्मानित साहित्यकारों की सूची

मुख्यमंत्री ने एक कार्यक्रम में शैलेश मटियानी, गिरीश तिवारी, शेरदा अनपढ़ और हीरा सिंह राणा को मरणोपरांत उत्तराखंड दीर्घकालीन साहित्य सेवी सम्मान 2025 से सम्मानित किया। इसके अलावा, सोमवारी लाल उनियाल और अतुल शर्मा को भी इस सम्मान से नवाजा गया।


पुरस्कार राशि और साहित्य ग्रामों की स्थापना

धामी ने घोषणा की कि दीर्घकालीन साहित्य सेवी सम्मान के तहत साहित्यकारों को पांच लाख रुपये की पुरस्कार राशि दी जाएगी। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा प्रदेश में दो साहित्य ग्राम स्थापित किए जा रहे हैं, जहां साहित्यकारों के लिए आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।


साहित्यिक धरोहर का संरक्षण

मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे उत्तराखंड को एक साहित्यिक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने में मदद मिलेगी। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य सरकार उत्तराखंड संस्थान के माध्यम से राज्य के बिखरे हुए साहित्य को संरक्षित, संकलित और पुनर्स्थापित करने के लिए ठोस कदम उठा रही है, ताकि आने वाली पीढ़ियां अपनी समृद्ध भाषायी विरासत से जुड़ी रहें।


रचनात्मक लेखन को प्रोत्साहन

धामी ने कहा कि सरकार द्वारा ‘उत्तराखंड साहित्य गौरव सम्मान’, ‘साहित्य भूषण’, और ‘लाइफ टाइम अचीवमेंट’ पुरस्कारों के माध्यम से साहित्यकारों को सम्मानित किया जा रहा है। इसके साथ ही, नई पीढ़ी के लिए रचनात्मक लेखन प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें कक्षा छह से लेकर विश्वविद्यालय स्तर तक के विद्यार्थियों को शामिल किया गया है।


पुस्तक प्रकाशन के लिए अनुदान

उन्होंने बताया कि पिछले दो वर्षों में राज्य सरकार ने 62 साहित्यकारों को उनकी पुस्तकों के प्रकाशन हेतु अनुदान प्रदान किया है। इस वर्ष पुस्तक प्रकाशन को प्रोत्साहित करने के लिए 25 लाख रुपये का विशेष बजट भी निर्धारित किया गया है।