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उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता के तहत विवाह पंजीकरण में वृद्धि

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के लागू होने के बाद विवाह पंजीकरण में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है। अब तक 3,01,526 विवाह पंजीकृत किए जा चुके हैं, जो पिछले वर्षों की तुलना में कई गुना अधिक है। यूसीसी ने विवाह पंजीकरण की प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाया है, जिससे नागरिकों में उत्साह बढ़ा है। राज्य सरकार ने विवाह पंजीकरण की समय-सीमा को 6 माह से बढ़ाकर 1 वर्ष कर दिया है।
 

मुख्यमंत्री का बयान

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को बताया कि समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के अंतर्गत विवाह पंजीकरण में लगातार वृद्धि हो रही है। उन्होंने कहा कि यह कानून न केवल समाज को कानूनी रूप से अधिक संगठित करता है, बल्कि महिलाओं के अधिकारों की सुरक्षा और उनके हितों की रक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण कदम भी है। उत्तराखंड सीएमओ द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि यूसीसी के तहत हर पंजीकरण राज्य के सामाजिक सशक्तिकरण का प्रतीक है।


विवाह पंजीकरण में वृद्धि

27 जनवरी 2025 को उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता लागू होने के बाद से विवाह पंजीकरण में अभूतपूर्व वृद्धि देखी गई है। यूसीसी अधिनियम के तहत अब तक कुल 3,01,526 विवाह पंजीकृत किए जा चुके हैं, जो औसतन 1,634 विवाह पंजीकरण प्रतिदिन है। यह संख्या पिछले व्यवस्था की तुलना में कई गुना अधिक है। उल्लेखनीय है कि यूसीसी लागू होने से पहले, वर्ष 2010 से 26 जनवरी 2025 तक उत्तराखंड विवाह पंजीकरण अधिनियम 2010 के तहत कुल 3,30,064 विवाह पंजीकृत हुए थे, जिनका औसत प्रतिदिन 67 था।


पंजीकरण प्रक्रिया में सुधार

समान नागरिक संहिता के लागू होने से विवाह पंजीकरण की प्रक्रिया और अधिक सरल, पारदर्शी और प्रभावी हो गई है। इसके परिणामस्वरूप नागरिकों में विवाह पंजीकरण के प्रति उत्साह बढ़ा है। नागरिकों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए, राज्य सरकार ने यूसीसी के अंतर्गत विवाह पंजीकरण की समय-सीमा को पूर्व निर्धारित 6 माह से बढ़ाकर 1 वर्ष कर दिया है। इस संबंध में विधायी एवं संसदीय कार्य विभाग द्वारा अधिसूचना जारी की गई है।