×

उत्तराखंड में सतत विकास के लिए नई नीति की घोषणा

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दून विश्वविद्यालय में आयोजित एक सम्मेलन में सतत विकास के लिए नई नौ सूत्री नीति की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह नीति अर्थव्यवस्था और पारिस्थितिकी के बीच संतुलन बनाने में मदद करेगी। सम्मेलन में 400 से अधिक प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं, जो हिमालयी क्षेत्रों में जलवायु लचीलापन और आजीविका सुरक्षा जैसे मुद्दों पर चर्चा करेंगे। धामी ने प्राकृतिक आपदाओं और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने के लिए नई तकनीकों को अपनाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।
 

मुख्यमंत्री धामी की नई पहल

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सतत विकास के प्रति अपनी सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए बताया कि राज्य में अर्थव्यवस्था और पारिस्थितिकी के बीच संतुलन बनाने के लिए एक नौ सूत्री नीति लागू की गई है।


दून विश्वविद्यालय में आयोजित ‘इंडियन एसोसियेशन आफ सोशल साइंस इन्सटीटयूशन्स (आईएएसएसआई)’ के 24वें वार्षिक सम्मेलन के उद्घाटन के दौरान धामी ने कहा कि उनकी सरकार आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय स्थिरता को बनाए रखते हुए सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने के लिए दृढ़ संकल्पित है।


उन्होंने कहा, ‘‘सरकार ने अर्थव्यवस्था और पारिस्थितिकी के बीच संतुलन बनाने के लिए नौ सूत्री नीति की शुरुआत की है, जो सतत विकास लक्ष्यों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।’’


इस तीन दिवसीय सम्मेलन में देशभर से 400 से अधिक प्रतिनिधि भाग ले रहे हैं, जो विशेष रूप से हिमालयी क्षेत्रों में सतत विकास, जलवायु लचीलापन और आजीविका सुरक्षा जैसे मुद्दों पर चर्चा करेंगे।


मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में सामाजिक न्याय, गरीबी उन्मूलन और समावेशी विकास के लिए सरकार के निरंतर प्रयासों पर भी प्रकाश डाला।


उन्होंने उत्तराखंड जैसे संवेदनशील पारिस्थितिक क्षेत्रों में प्राकृतिक आपदाओं की बढ़ती घटनाओं और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसी नई तकनीकों को अपनाने की आवश्यकता पर जोर दिया।


सम्मेलन का समापन 12 अक्टूबर को होगा, जिसकी अध्यक्षता उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह करेंगे, और इस अवसर पर उनका संबोधन भी होगा।