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उत्तराखंड में कांवड़ यात्रा की तैयारी: सीएम धामी ने की बैठक

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 10 जुलाई से शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा के लिए पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की। इस बैठक में उन्होंने कानून व्यवस्था, आपदा प्रबंधन और तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा पर चर्चा की। धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी जनपदों में सत्यापन अभियान चलाया जाए और यात्रा मार्ग पर निगरानी सुनिश्चित की जाए। उन्होंने नशाखोरी के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति को लागू करने का भी आदेश दिया। जानें इस पावन यात्रा के बारे में और क्या कहा गया।
 

कांवड़ यात्रा की सुरक्षा और प्रबंधन पर चर्चा

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने 10 जुलाई से शुरू होने वाली कांवड़ यात्रा के संदर्भ में पुलिस अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में उन्होंने कानून व्यवस्था, कांवड़ यात्रा और आपदा प्रबंधन के मुद्दों पर चर्चा की। धामी ने उत्तराखंड पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी जनपदों में सत्यापन अभियान को सख्ती से लागू किया जाए, सीमाओं पर सतर्कता बरती जाए और अतिक्रमण के खिलाफ निरंतर कार्रवाई की जाए। इसके अलावा, उन्होंने कांवड़ यात्रा के मार्ग पर सीसीटीवी और ड्रोन के माध्यम से निगरानी सुनिश्चित करने और यातायात नियंत्रण व्यवस्था को प्रभावी बनाने के निर्देश भी दिए। 


 


मुख्यमंत्री ने आपातकालीन स्थितियों के लिए हेली एम्बुलेंस सेवा की उपलब्धता सुनिश्चित करने, महिला सुरक्षा को मजबूत करने और आम जनता की शिकायतों के निस्तारण की प्रगति की निरंतर निगरानी करने के लिए भी अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने नशाखोरी के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति को प्रभावी ढंग से लागू करने का भी आदेश दिया। इससे पहले, धामी ने शनिवार को चंपावत जिले के टनकपुर पर्यटक विश्राम गृह से 11 राज्यों के तीर्थ यात्रियों के पहले जत्थे को कैलाश-मानसरोवर यात्रा के लिए रवाना किया। 


 


धामी ने तीर्थयात्रियों का स्वागत करते हुए उन्हें उत्तराखंड की सांस्कृतिक विरासत को दर्शाते स्मृति चिन्ह भेंट किए। उन्होंने कहा कि तीर्थयात्रियों के लिए यह सौभाग्य की बात है कि वे इस पावन यात्रा में शामिल हो रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, 'हर किसी को कैलाश-मानसरोवर की यात्रा का सौभाग्य नहीं मिलता। यह केवल धार्मिक यात्रा नहीं है, बल्कि आध्यात्मिक जागृति का मार्ग है।' उत्तराखंड के लिपुलेख दर्रे से होकर गुजरने वाली कैलाश-मानसरोवर यात्रा पांच साल के अंतराल के बाद इस वर्ष फिर से शुरू हुई है।