उत्तराखंड में UKSSSC पेपर लीक पर हंगामा, बेरोजगार संघ ने किया प्रदर्शन का ऐलान
UKSSSC पेपर लीक का मामला
रविवार को उत्तराखंड में परीक्षा शुरू होने के 35 मिनट बाद ही पेपर का एक हिस्सा सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इसके विरोध में उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने प्रदर्शन का ऐलान किया है।Image Credit source: Getty image and Social Media
UKSSSC पेपर लीक: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) के पेपर लीक ने राज्य में हलचल मचा दी है। 21 सितंबर को आयोजित स्नातक स्तरीय परीक्षा के पेपर लीक होने के बाद से स्थिति तनावपूर्ण हो गई है। इस मुद्दे पर बेरोजगार संघ ने देहरादून में प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। पुलिस प्रशासन ने शहर के कई क्षेत्रों में बीएनएसएस की धारा 163 लागू कर दी है।
आइए जानते हैं कि पेपर लीक का यह मामला क्या है और इसके संबंध में क्या नवीनतम जानकारी है। साथ ही, बेरोजगार संघ के प्रदर्शन को देखते हुए किन-किन क्षेत्रों में बीएनएसएस की धारा 163 लागू की गई है।
इन क्षेत्रों में भीड़ एकत्रित करना प्रतिबंधित
बीएनएसएस की धारा 163 के तहत भीड़ एकत्रित करने पर रोक लगाई गई है। देहरादून पुलिस ने बेरोजगार संघ के प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया है। इसके अंतर्गत घंटाघर, नेशविला रोड, राजपुर रोड, ईसी रोड, चकराता रोड, गांधी पार्क, सचिवालय रोड, न्यू कैंट रोड, सहस्त्रधारा रोड, सहारनपुर रोड, परेड ग्राउंड, सर्वे चौक और डीएवी कॉलेज रोड पर भीड़ एकत्रित करना निषिद्ध रहेगा। इन स्थानों और 500 मीटर के दायरे में धरना, जुलूस, लाउडस्पीकर और हथियार लेकर चलना पूरी तरह से मना है।
पेपर लीक का पूरा मामला
रविवार को राज्यभर में 445 केंद्रों पर UKSSSC स्नातक स्तरीय परीक्षा का आयोजन किया गया था। परीक्षा सुबह 11 बजे शुरू हुई, लेकिन 11:35 बजे पेपर के तीन पृष्ठ सोशल मीडिया पर लीक हो गए। इसके बाद से यह मामला तेजी से फैल गया। परीक्षा समाप्त होने के बाद जब अभ्यर्थियों ने लीक हुए पेपर की जांच की, तो यह सही पाया गया। इसके चलते पूरे उत्तराखंड में पेपर लीक का मुद्दा गरमाया हुआ है।
गिरफ्तारी और बयान
UKSSSC स्नातक स्तरीय परीक्षा से पहले ही पेपर लीक को लेकर संदेह उत्पन्न हो गया था। परीक्षा से एक दिन पहले, पुलिस ने पेपर लीक गिरोह के सरगना हाकम सिंह को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने बताया कि हाकम सिंह अभ्यर्थियों से पैसे की मांग कर रहा था, लेकिन उन्होंने यह भी कहा कि पेपर लीक जैसी कोई घटना नहीं हुई है। इस संदर्भ में कई ऑडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं, जिसमें कोई व्यक्ति भर्ती कराने के लिए 15 लाख रुपये की मांग करता हुआ सुनाई दे रहा है।
रविवार को कथित पेपर लीक की घटना के बाद एक महिला प्रोफेसर ने दावा किया कि हरिद्वार के एक व्यक्ति ने उन्हें पेपर व्हाट्सएप किया था और हल करने के लिए कहा था। महिला प्रोफेसर का कहना है कि उन्होंने ही पेपर को सोशल मीडिया पर साझा किया था। वहीं, पुलिस का कहना है कि पेपर लीक हुआ है, लेकिन इसमें किसी संगठित गिरोह की संलिप्तता नहीं मिली है। दोषियों की पहचान कर ली गई है।
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