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उत्तरकाशी में आपदा के बीच मुख्यमंत्री धामी का सक्रिय नेतृत्व

उत्तरकाशी के धराली में आई आपदा के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सक्रियता से राहत कार्यों की निगरानी की। उन्होंने प्रभावित परिवारों को आश्वस्त किया और राज्य के विकास कार्यों पर भी ध्यान दिया। उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक में उन्होंने बचाव कार्य की प्रगति और जमीनी चुनौतियों पर चर्चा की। भारतीय सेना और अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर बड़े पैमाने पर राहत कार्य जारी हैं। जानें इस संकट के बीच मुख्यमंत्री के प्रयासों के बारे में अधिक जानकारी।
 

मुख्यमंत्री का राहत कार्यों पर ध्यान

उत्तरकाशी के धराली में आई आपदा के दौरान, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पिछले तीन दिनों से मोर्चा संभाला हुआ है। वह घटनास्थल पर रहकर बचाव कार्यों की निगरानी कर रहे हैं, राहत टीमों को दिशा-निर्देश दे रहे हैं और प्रभावित परिवारों को आश्वस्त कर रहे हैं कि सरकार उनके साथ है। इसके साथ ही, उन्होंने राज्य के विकास कार्यों पर भी ध्यान केंद्रित किया है। इसी क्रम में, आज उन्होंने उत्तरकाशी से राज्य मंत्रिमंडल की बैठक की अध्यक्षता की और विकास से जुड़े कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए।


उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक

मुख्यमंत्री ने आज डीजी आईटीबीपी, डीजी एनडीआरएफ और डीजीपी उत्तराखंड पुलिस के साथ एक उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की। इस बैठक में बचाव कार्य की प्रगति, जमीनी चुनौतियों और समन्वय को मजबूत करने पर चर्चा की गई। उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों में शीघ्र पहुँच सुनिश्चित करने, फंसे हुए लोगों को निकालने, राहत दलों की तैनाती और आवश्यक संसाधनों की उपलब्धता पर जोर दिया।


संचार और राहत सामग्री की आपूर्ति

मुख्यमंत्री ने संचार, बिजली और सड़क संपर्क की शीघ्र बहाली पर भी ध्यान दिया। उन्होंने निर्देश दिए कि किसी भी प्रभावित व्यक्ति तक सहायता पहुँचने में कोई देरी न हो। भारतीय सेना, भारतीय वायु सेना, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, आईटीबीपी, बीआरओ और नागरिक प्रशासन मिलकर ऑपरेशन धराली के तहत उत्तराखंड के बाढ़ और भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर राहत कार्य कर रहे हैं।


भूस्खलन से प्रभावित क्षेत्र

धराली में व्यापक भूस्खलन के कारण संपर्क पूरी तरह से कट गया है। हालाँकि, लिमचीगाड तक सड़क साफ़ करने का कार्य प्रगति पर है, जहाँ बेली ब्रिज का निर्माण कार्य चल रहा है। मौसम की स्थिति में सुधार होने से बचाव कार्यों में मदद मिली है, लेकिन देहरादून में कम दृश्यता और बारिश के कारण कुछ हवाई उड़ानों में देरी हुई है।


सेना का बचाव कार्य

भारतीय सेना ने बताया कि अब तक 357 नागरिकों को बचाया जा चुका है, जिनमें से 119 को हवाई मार्ग से देहरादून पहुँचाया गया है। ज़मीनी स्तर पर बचाव दलों में सेना की टुकड़ियाँ, चिकित्सा इकाइयाँ और विशेष खोज एवं बचाव (SAR) श्वान दस्ते शामिल हैं। NDRF ने 105 कर्मियों को तैनात किया है, जो SDRF और ITBP की टीमों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।