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उत्तर प्रदेश विधानमंडल में सपा का विरोध प्रदर्शन, कोडीन कफ सिरप पर उठे सवाल

उत्तर प्रदेश के विधानमंडल का शीतकालीन सत्र शुरू हो गया है, जिसमें समाजवादी पार्टी (सपा) ने कोडीन कफ सिरप के अवैध कारोबार के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। सपा सदस्यों ने सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए, जिसमें संविधान का उल्लंघन और आरक्षण का हनन शामिल है। उन्होंने मांग की कि सरकार इस मामले में सख्त कार्रवाई करे। जानें इस प्रदर्शन के पीछे की पूरी कहानी और सपा के अन्य आरोप।
 

उत्तर प्रदेश विधानमंडल का शीतकालीन सत्र

उत्तर प्रदेश के विधानमंडल का शीतकालीन सत्र शुक्रवार से आरंभ हुआ, जो 24 दिसंबर तक चलेगा। इस सत्र के दूसरे दिन, सोमवार को, समाजवादी पार्टी (सपा) के सदस्यों ने विधान भवन के मुख्य द्वार पर कोडीन कफ सिरप के कथित अवैध कारोबार सहित कई मुद्दों पर विरोध प्रदर्शन किया।


सुबह 10 बजे, सपा के सदस्य हाथों में सरकार विरोधी नारे लिखी तख्तियां लेकर विधान भवन पहुंचे और चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा के समक्ष धरना दिया। उन्होंने कोडीन कफ सिरप के अवैध कारोबार से जुड़े आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की और सरकार पर कुछ लोगों को बचाने का आरोप लगाया।


सपा के आरोप और प्रदर्शन

सपा सदस्यों ने भाजपा सरकार पर संविधान और आरक्षण का उल्लंघन करने, मातृशक्ति के अधिकारों को कुचलने और छात्र-नौजवानों की नौकरियों में आरक्षण समाप्त करने के आरोप लगाए। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने कहा कि, 'यह प्रदर्शन इसलिए आवश्यक था क्योंकि सरकार मुद्दों को गंभीरता से नहीं ले रही है।'


उन्होंने आगे कहा, 'कोडीन का मामला गंभीर है और इसमें हजारों करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है। सरकार को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए थी, लेकिन उसने ऐसा नहीं किया। जब सपा ने इस पर आवाज उठाई, तब सरकार ने कार्रवाई शुरू की, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है।' कई सपा सदस्य अपनी पीठ पर कोडीन कफ सिरप घोटाले का पोस्टर लगाकर घूम रहे थे।


मतदाता सूची में अनियमितताएं

सपा सदस्यों ने मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान को लेकर सरकार और निर्वाचन आयोग पर मतदाताओं के नाम काटने का आरोप लगाया। सपा सदस्य चंद्रप्रकाश लोधी ने कहा कि केवल मतदाताओं के नाम काटे जा रहे हैं।


सपा सदस्य राम खिलाड़ी यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश में कोडीन कफ सिरप के मामले में माफिया ने 700 अवैध कंपनियां बनाकर कारोबार शुरू किया है, जबकि सरकार माफिया के सामने लाचार बनी हुई है।