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उत्तर प्रदेश में सरकारी भर्तियों में आरक्षण का सख्त पालन

उत्तर प्रदेश सरकार ने सभी सरकारी भर्तियों में आरक्षण को सख्ती से लागू करने का आदेश दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं, जिसमें ओबीसी, एससी, एसटी और ईडब्ल्यूएस श्रेणियों के लिए आरक्षण नियमों का पालन सुनिश्चित करने पर जोर दिया गया है। इसके साथ ही, राज्य में कृत्रिम बुद्धिमत्ता के क्षेत्र में निवेश और विकास की योजनाओं का भी उल्लेख किया गया है। जानें इस आदेश के पीछे की वजह और भविष्य की योजनाओं के बारे में।
 

सरकार का नया आदेश

उत्तर प्रदेश सरकार ने बुधवार को एक आधिकारिक निर्देश जारी किया, जिसमें राज्य की सभी भर्तियों में आरक्षण को सख्ती से लागू करने का आदेश दिया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशानुसार, इस आदेश में ओबीसी, एससी, एसटी और ईडब्ल्यूएस श्रेणियों के लिए आरक्षण नियमों के पालन पर जोर दिया गया है। सभी अतिरिक्त मुख्य सचिवों और प्रधान सचिवों को इस आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है।


इस आदेश में महिलाओं, दिव्यांगजनों और पूर्व सैनिकों के लिए आरक्षण के सख्त कार्यान्वयन पर भी ध्यान दिया गया है।


आरक्षण के नियमों का पालन

सरकार ने स्पष्ट किया है कि आरक्षण प्रावधानों का पालन न करने पर कोई छूट नहीं दी जाएगी। इससे पहले, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को राज्य में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) में निवेश और इसके उपयोग को बढ़ावा देने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2025 को प्रौद्योगिकी और डेटा में नवाचार के लिए याद किया जाएगा।


मुख्यमंत्री ने नागरिकों को लिखे एक पत्र में बताया कि लखनऊ और नोएडा में 'एआई सिटी' स्थापित करने की योजना है। इसके तहत 10 लाख नागरिकों को एआई प्रशिक्षण देने की पहल की जा रही है।


भविष्य की योजनाएं

मुख्यमंत्री ने पत्र में कहा, "वर्ष 2025 को प्रौद्योगिकी, एआई और डेटा में नवाचार के नए मानदंड स्थापित करने के लिए याद किया जाएगा। उत्तर प्रदेश अब निवेशकों के लिए एक भरोसेमंद राज्य बन गया है।"


लखनऊ और नोएडा में 'एआई सिटी' की स्थापना की तैयारी चल रही है, और जेवर में 3,700 करोड़ रुपये की लागत से एक सेमीकंडक्टर यूनिट का निर्माण किया जा रहा है। इसके अलावा, डेटा सेंटर नीति की सफलता अब स्पष्ट रूप से दिखाई देने लगी है।