उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मचारियों की हड़ताल: डिस्कॉम के निजीकरण के खिलाफ 27 लाख का विरोध
उत्तर प्रदेश में बिजली कर्मचारियों ने डिस्कॉम के निजीकरण के खिलाफ 9 जुलाई को एक दिन की हड़ताल का ऐलान किया है। 27 लाख से अधिक कर्मचारी इस हड़ताल में शामिल होंगे, जिससे बिजली आपूर्ति प्रभावित हो सकती है। संगठन के अध्यक्ष शैलेंद्र दुबे ने आरोप लगाया है कि कुछ सरकारी अधिकारी निजी कंपनियों के साथ मिलकर डिस्कॉम की संपत्तियों को औने-पौने दामों पर बेचने की योजना बना रहे हैं। इस हड़ताल का मुख्य उद्देश्य किसानों और गरीबों को मिलने वाले लाभों की रक्षा करना है। प्रदर्शन देशभर के कई प्रमुख शहरों में आयोजित किए जाएंगे।
Jul 2, 2025, 18:27 IST
बिजली क्षेत्र में हड़ताल का ऐलान
इंजीनियरों के संगठन एआईपीईएफ ने बुधवार को जानकारी दी कि उत्तर प्रदेश में दो डिस्कॉम के निजीकरण के खिलाफ 27 लाख से अधिक बिजली कर्मचारी 9 जुलाई को एक दिन की देशव्यापी हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है। ऑल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन (एआईपीईएफ) के अध्यक्ष शैलेंद्र दुबे ने बताया कि यह कदम तब उठाया गया है जब उत्तर प्रदेश सरकार ने पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (पीवीवीएनएल) और दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड (डीवीवीएनएल) का निजीकरण करने का निर्णय लिया है, जो राज्य के 75 में से 42 जिलों को प्रभावित करेगा।
डिस्कॉम के निजीकरण के खिलाफ व्यापक विरोध प्रदर्शन
दुबे ने कहा कि राष्ट्रीय विद्युत कर्मचारी एवं अभियंता समन्वय समिति (एनसीसीओईईई) के आह्वान पर देशभर के बिजली कर्मचारी, जूनियर इंजीनियर और अन्य इंजीनियर डिस्कॉम के निजीकरण के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि 9 जुलाई को यूपी की दो डिस्कॉम के निजीकरण के खिलाफ 27 लाख बिजली कर्मचारियों द्वारा व्यापक विरोध प्रदर्शन का निर्णय लिया गया है। इस हड़ताल के कारण देश में बिजली आपूर्ति पर असर पड़ सकता है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि बिजली आपूर्ति में बाधा आती है, तो इसके लिए वे जिम्मेदार नहीं होंगे। दुबे ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड और कुछ सरकारी अधिकारी निजी कंपनियों के साथ मिलकर डिस्कॉम की संपत्तियों को कम कीमत पर बेचने की योजना बना रहे हैं।
किसानों पर पड़ेगा असर
डिस्कॉम के निजीकरण से किसानों को कई लाभों से वंचित होना पड़ेगा। दुबे ने कहा कि इस प्रक्रिया से गरीब और किसान वर्ग को नुकसान होगा। प्रदर्शन मुख्य रूप से हैदराबाद, तिरुवनंतपुरम, विजयवाड़ा, चेन्नई, बेंगलुरु, मुंबई, नागपुर, रायपुर, भोपाल, जबलपुर, वडोदरा, राजकोट, गुवाहाटी, शिलांग, कोलकाता, भुवनेश्वर, पटना, रांची, श्रीनगर, जम्मू, शिमला, देहरादून, पटियाला, जयपुर, कोटा, हिसार और लखनऊ में आयोजित किए जाएंगे।