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उत्तर प्रदेश में बाढ़ की स्थिति: भारी बारिश से प्रभावित जिले

उत्तर प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश ने बाढ़ की गंभीर स्थिति पैदा कर दी है। वाराणसी और प्रयागराज जैसे प्रमुख शहरों में जलभराव के कारण जनजीवन प्रभावित हुआ है। गंगा और यमुना जैसी नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिससे कई जिलों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। राहत कार्य जारी हैं और प्रशासन ने बाढ़ राहत शिविर स्थापित किए हैं। जानें इस स्थिति के बारे में और अधिक जानकारी।
 

उत्तर प्रदेश में बाढ़ की गंभीर स्थिति

उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। जलभराव के चलते जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है, विशेषकर वाराणसी और प्रयागराज जैसे शहरों में। वाराणसी में गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण कई क्षेत्रों में बाढ़ आ गई है।


नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर

गंगा, यमुना और बेतवा जैसी प्रमुख नदियां उत्तर प्रदेश में कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। 13 जिलों में बाढ़ की स्थिति का सामना किया जा रहा है। राहत आयुक्त कार्यालय की रिपोर्ट के अनुसार, गंगा नदी वाराणसी, मिर्जापुर, गाजीपुर और बलिया में खतरे के स्तर से ऊपर बह रही है। यमुना नदी भी कई स्थानों पर लाल निशान से ऊपर है।


24 जिलों में भारी बारिश का असर

रविवार को राज्य में 14.2 मिलीमीटर बारिश हुई, जिससे 24 जिलों में भारी बारिश का अनुभव हुआ। वर्तमान में 13 जिले बाढ़ की स्थिति का सामना कर रहे हैं, जिनमें प्रयागराज, जालौन, औरैया, हमीरपुर, मिर्जापुर, वाराणसी, कानपुर देहात, बलिया, बांदा, इटावा, फतेहपुर, कानपुर नगर और चित्रकूट शामिल हैं। वाराणसी में गंगा नदी का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है, जिससे घाट जलमग्न हो गए हैं।


प्रयागराज में बाढ़ का प्रभाव

प्रयागराज में पिछले कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण गंगा और यमुना का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चला गया है। इससे जिले के 200 से अधिक गांव और लगभग 60 बस्तियां बाढ़ की चपेट में आ गई हैं। जिला प्रशासन ने बाढ़ राहत शिविर स्थापित किए हैं और ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूलों में पढ़ाई स्थगित कर दी गई है।