उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों के लिए ऐतिहासिक मूल्य वृद्धि का स्वागत
गन्ना मूल्य में वृद्धि के बाद किसानों का मुख्यमंत्री से संवाद
गन्ना मूल्य में ऐतिहासिक वृद्धि के बाद उत्तर प्रदेश के गन्ना किसान गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास पहुंचे, जहां उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का स्वागत किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने किसानों से बातचीत करते हुए कहा कि 2014 में मोदी सरकार के गठन के बाद से खेती और किसानों के हित को सरकार के एजेंडे में प्रमुखता मिली है। उन्होंने बताया कि पीएम किसान सम्मान निधि ने किसानों को साहूकारों के चंगुल से मुक्त किया है और अब गन्ना खरीद का भुगतान सीधे किसानों के बैंक खातों में किया जा रहा है।
कर्जमाफी का वादा पूरा करने का दावा
मुख्यमंत्री ने कहा, "2017 में सरकार बनने से पहले हमने 86 लाख किसानों की कर्जमाफी का वादा पूरा किया। पिछले साढ़े आठ वर्षों में 23 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त भूमि को सिंचित किया गया है। अब मेहनत का मुनाफा सीधे किसानों को मिल रहा है।"
चीनी मिलों की स्थिति में सुधार
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पूर्व की सरकारों में कई चीनी मिलें बंद या बेची जा रही थीं, जिससे किसानों को नुकसान होता था। अब आठ वर्षों में चार नई मिलें स्थापित की गई हैं, छह बंद मिलें फिर से चालू की गई हैं, और 42 मिलों में उत्पादन क्षमता बढ़ाई गई है। प्रदेश में कुल 122 चीनी मिलें कार्यरत हैं, जिनमें से 105-106 मिलें एक सप्ताह के भीतर गन्ना भुगतान कर रही हैं। इसके साथ ही शुगर कॉम्प्लेक्स बनाने की योजना भी बनाई जा रही है।
मंत्री लक्ष्मी नारायण का बयान
गन्ना विकास एवं चीनी उद्योग मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण ने कहा कि आठ साल पहले गन्ना किसानों के बीच 'गन्ना माफिया' और 'घटतौली' जैसे शब्द प्रचलित थे, जो अब पूरी तरह समाप्त हो चुके हैं। उन्होंने बताया कि पहले किसानों का भुगतान वर्षों तक लंबित रहता था, लेकिन अब स्थिति में सुधार हुआ है। गन्ना क्षेत्रफल 20 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 29 लाख हेक्टेयर से अधिक हो गया है। किसानों को उच्च गुणवत्ता का खाद, बीज और सिंचाई सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं।
कार्यक्रम में उपस्थित लोग
इस कार्यक्रम में गन्ना एवं चीनी उद्योग मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी, राज्य मंत्री संजय सिंह गंगवार, भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष कामेश्वर सिंह, उपाध्यक्ष रामबाबू द्विवेदी, और अन्य वरिष्ठ नेता शामिल थे। उत्तर प्रदेश में गन्ना किसानों के लिए यह कदम एक दूरदर्शी और किसान हितैषी निर्णय के रूप में देखा जा रहा है, जिससे किसानों का जीवन स्तर सुधरेगा और गन्ना उत्पादन में वृद्धि होगी।