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उत्तर प्रदेश में अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी के दो आरोपी गिरफ्तार

उत्तर प्रदेश के संभल जिले में पुलिस ने एक अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है। मुकेश कक्कड़ और अंकित कुमार नामक आरोपियों के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया था। गिरोह से जुड़े 700 बैंक खातों में एक करोड़ रुपये की राशि फ्रीज की गई है। यह गिरोह बीओबी777 नामक फ्रैंचाइजी मॉडल के तहत काम कर रहा था। पुलिस ने पहले ही नौ अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है और मामले की जांच जारी है।
 

संबल में सट्टेबाजी गिरोह का भंडाफोड़

उत्तर प्रदेश के संभल जिले की पुलिस ने एक अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी नेटवर्क के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है। यह जानकारी एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बृहस्पतिवार को साझा की।


गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान मुकेश कक्कड़ और अंकित कुमार के रूप में हुई है। पुलिस ने बताया कि गिरोह से जुड़े 700 बैंक खातों में लगभग एक करोड़ रुपये की राशि को फ्रीज कर दिया गया है।


पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि मुकेश और अंकित के खिलाफ 'लुकआउट सर्कुलर' जारी किया गया था और दोनों को बैंकॉक से लौटने के बाद दिल्ली हवाई अड्डे पर पकड़ा गया।


बिश्नोई ने कहा, "यह गिरोह बीओबी777 नामक फ्रैंचाइजी मॉडल के तहत अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी का संचालन कर रहा था, जिसके आउटलेट भारत के विभिन्न हिस्सों में स्थित हैं।" उन्होंने बताया कि दिल्ली के शालीमार बाग में जय कक्कड़ और आदित्य गुप्ता नामक दो व्यक्ति ऐसे ही एक आउटलेट का संचालन कर रहे थे।


बिश्नोई के अनुसार, "फ्रैंचाइजी का प्रबंधक इंगित कोहली, जो हरियाणा के पंचकूला में रहता है, लोगों को कर्ज माफ करवाने का झांसा देकर उनकी बैंक पासबुक और एटीएम कार्ड जमा करता था। इसके बाद गिरोह के सदस्य उन खातों से जुड़े मोबाइल नंबर बदल देते थे और उनका उपयोग ऑनलाइन सट्टेबाजी के लिए करते थे।"


उन्होंने आगे बताया, "आरोपी इन फर्जी खातों से जुटाई गई सट्टेबाजी की रकम अपने खातों में ट्रांसफर करते थे और आपस में पैसे बांट लेते थे।" बिश्नोई ने कहा कि दीपक सिंह नामक एक आरोपी पता बदलकर आधार कार्ड बनवाने और नए सिम कार्ड प्राप्त करने में गिरोह की मदद करता था।


पुलिस ने बताया कि इन सिम कार्ड को कर्ज माफ करवाने में मदद के झांसे में आए लोगों के बैंक खातों से जोड़ दिया जाता था ताकि पुलिस की नजर से बचा जा सके। मुकेश कक्कड़ धोखाधड़ी से प्राप्त सिम कार्ड का उपयोग करके अवैध सट्टेबाजी मंच से जुड़े खातों की निगरानी करता था और कथित तौर पर ऑनलाइन सट्टेबाजी से होने वाले नकद लेनदेन का प्रबंधन भी करता था।


पुलिस ने यह भी बताया कि गिरोह से जुड़े नौ अन्य लोगों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है और इस मामले में दो प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। जांच जारी है।