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उत्तर प्रदेश पुलिस ने ‘मिशन शक्ति’ के तहत लापता बच्चों और महिलाओं को परिवार से मिलवाया

उत्तर प्रदेश पुलिस ने ‘मिशन शक्ति’ पहल के तहत 12 लापता बच्चों और महिलाओं को उनके परिवारों से मिलवाने में सफलता हासिल की है। इस अभियान का उद्देश्य संकटग्रस्त नागरिकों की सुरक्षा और पुनर्वास सुनिश्चित करना है। डीजीपी राजीव कृष्ण ने बताया कि पुलिस ने व्यापक तलाशी अभियान चलाया, जिसमें कई बच्चों और महिलाओं को सुरक्षित रूप से उनके परिवारों के पास पहुंचाया गया। जानें इस मिशन की पूरी कहानी और इसके पीछे की पहल।
 

लापता बच्चों और महिलाओं की खोज में पुलिस की पहल

उत्तर प्रदेश पुलिस ने ‘मिशन शक्ति’ के अंतर्गत पिछले तीन दिनों में 12 लापता बच्चों और महिलाओं को उनके परिवारों से पुनः मिलवाने का कार्य किया है। इस संबंध में जानकारी एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने साझा की।


यह पहल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा राज्य में संकटग्रस्त नागरिकों की सुरक्षा और पुनर्वास सुनिश्चित करने के लिए चलाए जा रहे अभियान का हिस्सा है।


पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) राजीव कृष्ण ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुसार, पुलिस ने एक व्यापक तलाशी अभियान आरंभ किया है। उन्होंने कहा कि इस मिशन का मुख्य उद्देश्य लापता और विस्थापित बच्चों, महिलाओं और संकट में पड़े व्यक्तियों को सुरक्षित करना और उन्हें उनके परिवारों से जल्द से जल्द मिलाना है।


पुलिस के अनुसार, बरामद किए गए बच्चों में लखनऊ के जानकीपुरम से 3 साल की एक बच्ची, बरेली के भमोरा के खेड़ा गांव से 6 साल की बच्ची और अमरोहा, बलरामपुर और पीलीभीत से अन्य बच्चे शामिल हैं।


मुरादाबाद में एक लापता बच्चे को रामलीला मैदान के निकट से खोजा गया और उसे सुरक्षित उसके परिवार के पास पहुंचा दिया गया। मऊ में, पुलिस ने तीन नाबालिग लड़कियों को उनके माता-पिता से मिलवाया।


बरेली में, हाफिजगंज पुलिस ने संत कबीर नगर से एक बुजुर्ग महिला गुलशन और एक नाबालिग का पता लगाया, जो पारिवारिक विवाद और आर्थिक तंगी के कारण लापता हो गए थे।


बलिया में, अपने माता-पिता को बताए बिना घर से निकले दो किशोरों को सुरक्षित बरामद किया गया। डीजीपी ने बताया कि बस्ती पुलिस ने रेलवे स्टेशन के पास संदिग्ध रूप से घूम रही एक महिला का भी पता लगाया और उसे उसके परिवार के पास पहुंचा दिया।


उन्होंने कहा कि महाराजगंज में, मऊ के दोहरीघाट में तीन नाबालिगों के साथ-साथ पांच और दस साल की दो लड़कियों को उनके रिश्तेदारों से मिलवाया गया। एक बयान में कहा गया है कि यह अभियान राज्य सरकार के समन्वित पुलिस व्यवस्था के माध्यम से त्वरित प्रतिक्रिया और जन सुरक्षा पर जोर देने का प्रतीक है।