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उड़ीसा के मुख्यमंत्री ने आत्मनिर्भर भारत की आवश्यकता पर जोर दिया

उड़ीसा के मुख्यमंत्री मोहनचरण मांझी ने आत्मनिर्भर भारत की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि यह स्वदेशी के संकल्प को साकार करेगा। उन्होंने उड़िया दैनिक 'निर्भय' के स्थापना दिवस समारोह में मीडिया की भूमिका और भारतीय भाषाओं के संरक्षण के महत्व पर भी प्रकाश डाला। कार्यक्रम में कई प्रमुख हस्तियों ने भाग लिया, जिन्होंने समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की आवश्यकता पर चर्चा की। जानें इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम की और भी बातें।
 

मुख्यमंत्री का संबोधन

भुवनेश्वर। उड़ीसा के मुख्यमंत्री मोहनचरण मांझी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत का लक्ष्य ही स्वदेशी के संकल्प को साकार करेगा और भारत को जगद्गुरू बनाने का सपना पूरा करेगा। वे उड़िया दैनिक 'निर्भय' के स्थापना दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि विकसित भारत हमारा साझा सपना है, और यदि सभी अपनी जिम्मेदारियों को निभाएं, तो इसे कोई नहीं रोक सकता। उन्होंने मीडिया की भूमिका को समाज में सकारात्मक बदलाव लाने में महत्वपूर्ण बताया। 


भाषाओं का संरक्षण

कार्यक्रम के मुख्य वक्ता, भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी) के पूर्व महानिदेशक प्रोफेसर संजय द्विवेदी ने कहा कि भारतीय भाषाओं का संरक्षण आवश्यक है, क्योंकि तभी भारत बचेगा। उनका मानना है कि किसी भी देश ने विदेशी भाषा में न तो प्रगति की है और न ही मौलिक विचार उत्पन्न किए हैं। इसलिए, भारतीय भाषाओं के उत्थान से हमारी कला, साहित्य, संस्कृति, सिनेमा, रंगमंच और प्रदर्शन कलाएं सुरक्षित रहेंगी। उन्होंने कहा कि स्वराज लाने के लिए 'स्वदेश' का निर्माण भी आवश्यक है, तभी स्वदेशी के आधार पर देश खड़ा होगा।  


परिवार और संस्कृति का महत्व

प्रोफेसर द्विवेदी ने यह भी कहा कि हमने वसुधा को परिवार माना है, लेकिन आज हमारे परिवार भी संकट में हैं। यदि परिवार नहीं बचे, तो मूल्य और संस्कृति दोनों ही समाप्त हो जाएंगे। इस कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार सत्य सुंदर बारीक, संपादक नवीन दास, पूर्व नेता प्रतिपक्ष जय नारायण मिश्र, पूर्व वित्त मंत्री प्रफुल्ल घड़ेई, पूर्व कृषि मंत्री अमर प्रसाद सत्पथी, उड़िया फिल्म अभिनेत्री पिंकी प्रधान, साहित्यकार गौरहरि दास और भाजपा प्रवक्ता सज्जन शर्मा भी उपस्थित थे। संचालन संबित महापात्र ने किया।