उड़द दाल: स्वास्थ्य के लिए एक अनमोल आहार
उड़द दाल का महत्व
जयपुर. भारतीय रसोई में विभिन्न प्रकार की दालों का उपयोग किया जाता है, लेकिन पौष्टिकता के मामले में उड़द दाल को सर्वोत्तम माना जाता है। इस दाल से दाल मखनी, दही बड़े और कचौड़ी जैसे स्वादिष्ट व्यंजन तैयार किए जाते हैं। आयुर्वेद में उड़द दाल का विशेष महत्व है, क्योंकि यह कई बीमारियों के उपचार में सहायक होती है। आयुर्वेदिक चिकित्सक डॉ. नरेंद्र कुमार के अनुसार, उड़द दाल अपने स्वास्थ्य लाभों के लिए जानी जाती है, जिसमें प्रोटीन, फाइबर और विटामिन की भरपूर मात्रा होती है।
उड़द दाल के पोषण तत्व
प्रोटीन और फाइबर का स्रोत
डॉ. नरेंद्र कुमार ने बताया कि शाकाहारी लोगों के लिए उड़द दाल एक बेहतरीन विकल्प है। यह प्रोटीन और फाइबर का समृद्ध स्रोत है, जिससे दाल तड़का, दाल मखनी, इडली, डोसा का बैटर, मसाला वड़े और पापड़ बनाए जा सकते हैं। उड़द दाल के दो प्रकार होते हैं: साबुत उड़द (काली दाल) और धुली उड़द (सफेद दाल), जो छिलका हटाने के बाद सफेद रंग की होती है।
त्वचा और स्वास्थ्य पर प्रभाव
उड़द दाल के सेवन से त्वचा रहेगा चमकदार
डॉ. नरेंद्र कुमार के अनुसार, उड़द दाल शरीर में आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति करती है। इसमें कैल्शियम और फास्फोरस की भरपूर मात्रा होती है, जो हड्डियों को मजबूत बनाती है। इसके अलावा, उड़द दाल में विटामिन ई और एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जो त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाए रखने में मदद करते हैं।
मुहासे और झुर्रियों को कम करने में सहायक
उड़द दाल मुहासे और झुर्रियों को कम करने में भी सहायक होती है। इसमें आयरन की भरपूर मात्रा होती है, जो एनीमिया से बचाने में मदद करती है। उड़द दाल में मैग्नीशियम भी होता है, जो रक्तचाप को नियंत्रित करने में सहायक है। यह दाल हृदय स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है। इसके अलावा, उड़द दाल में फाइबर और प्रोटीन की उच्च मात्रा होती है, जो लंबे समय तक भूख को नियंत्रित करने में मदद करती है और वजन को नियंत्रित करने में भी सहायक होती है।