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उच्चतम न्यायालय ने ललित मोदी की याचिका खारिज की, जुर्माना बीसीसीआई को अदा करने का अनुरोध अस्वीकार

उच्चतम न्यायालय ने ललित मोदी की याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय द्वारा लगाए गए 10.65 करोड़ रुपये के जुर्माने का भुगतान बीसीसीआई को करने का अनुरोध किया था। न्यायालय ने कहा कि ललित मोदी को कानून के अनुसार उपायों का लाभ उठाने का अधिकार है, लेकिन बीसीसीआई को कोई रिट जारी नहीं की जा सकती। अदालत ने ललित मोदी को चार सप्ताह के भीतर टाटा मेमोरियल अस्पताल को एक लाख रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया।
 

ललित मोदी की याचिका पर उच्चतम न्यायालय का निर्णय

उच्चतम न्यायालय ने ललित मोदी द्वारा दायर उस याचिका को अस्वीकार कर दिया, जिसमें उन्होंने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उन पर लगाए गए 10.65 करोड़ रुपये के जुर्माने का भुगतान बीसीसीआई को करने का निर्देश देने की मांग की थी।


न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति आर महादेवन की पीठ ने यह स्पष्ट किया कि ललित मोदी को कानून के तहत उपलब्ध उपायों का लाभ उठाने का अधिकार है।


पिछले वर्ष 19 दिसंबर को, मुंबई उच्च न्यायालय ने ललित मोदी पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया था और उनकी याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें उन्होंने फेमा के उल्लंघन के लिए ईडी द्वारा लगाए गए जुर्माने का भुगतान बीसीसीआई को करने का अनुरोध किया था।


उच्च न्यायालय ने कहा था कि यह याचिका पूरी तरह से भ्रामक है, क्योंकि फेमा के तहत न्यायिक प्राधिकरण ने ललित मोदी पर जुर्माना लगाया था।


ललित मोदी ने अपनी याचिका में उल्लेख किया था कि उन्हें भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया था और वे आईपीएल के शासी निकाय के अध्यक्ष भी थे।


याचिका में यह दावा किया गया था कि बीसीसीआई को उपनियमों के अनुसार उन्हें क्षतिपूर्ति देनी चाहिए। हालांकि, उच्च न्यायालय की पीठ ने 2005 के उच्चतम न्यायालय के एक निर्णय का हवाला देते हुए कहा कि बीसीसीआई संविधान के अनुच्छेद 12 के तहत परिभाषित 'राज्य' की परिकल्पना में नहीं आता है।


उच्च न्यायालय ने यह भी कहा कि उच्चतम न्यायालय के स्पष्ट आदेशों के बावजूद, ललित मोदी ने 2018 में यह याचिका दायर की।


उच्च न्यायालय ने कहा, 'ईडी द्वारा याचिकाकर्ता (ललित मोदी) पर लगाए गए जुर्माने के संदर्भ में याचिकाकर्ता की कथित क्षतिपूर्ति के मामले में किसी सार्वजनिक कार्य के निर्वहन का कोई सवाल नहीं है, और इसलिए, इस उद्देश्य के लिए बीसीसीआई को कोई रिट जारी नहीं की जा सकती।'


अदालत ने यह भी कहा कि 'किसी भी स्थिति में, राहत देना पूरी तरह से गलत है। यह याचिका तुच्छ है, और तदनुसार, हम इस याचिका को खारिज करते हैं।'


अंत में, अदालत ने ललित मोदी को चार सप्ताह के भीतर टाटा मेमोरियल अस्पताल को एक लाख रुपये का भुगतान करने का निर्देश दिया।