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ईवीएम मतपत्रों में बदलाव: चुनाव आयोग ने नई दिशा-निर्देश जारी किए

भारतीय निर्वाचन आयोग ने ईवीएम मतपत्रों के डिज़ाइन में सुधार के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन बदलावों का उद्देश्य मतदाता अनुभव को बेहतर बनाना है, जिसमें उम्मीदवारों की रंगीन तस्वीरें शामिल होंगी। इसके अलावा, आयोग ने मतदाता सूची में सुधार के लिए विशेष गहन पुनरीक्षण की योजना बनाई है। जानें इस नई पहल के बारे में और कैसे यह चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करेगी।
 

चुनाव आयोग का नया कदम

भारतीय निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने बुधवार को ईवीएम मतपत्रों के डिज़ाइन और प्रिंटिंग से संबंधित नए दिशा-निर्देशों की घोषणा की है, जिसका उद्देश्य इन्हें अधिक पठनीय और मतदाता के अनुकूल बनाना है। आयोग ने बताया कि बिहार विधानसभा चुनावों से शुरू होकर, ईवीएम में उम्मीदवारों की रंगीन तस्वीरें शामिल की जाएंगी। बेहतर दृश्यता के लिए, उम्मीदवार का चेहरा तस्वीर के तीन-चौथाई हिस्से में होगा।


पठनीयता में सुधार

चुनाव आयोग के एक बयान में कहा गया है कि ईवीएम मतपत्रों की स्पष्टता और पठनीयता को बढ़ाने के लिए चुनाव संचालन नियम, 1961 के तहत मौजूदा दिशा-निर्देशों में संशोधन किया गया है। यह पहल चुनाव प्रक्रियाओं को बेहतर बनाने और मतदाताओं की सुविधा को बढ़ाने के लिए पिछले 6 महीनों में ईसीआई द्वारा की गई 28 पहलों के अनुरूप है।


मतदाता सूची में सुधार

आयोग ने यह भी बताया कि नोटा सहित सभी उम्मीदवारों के नाम एक ही फॉन्ट और आकार में मुद्रित किए जाएंगे, जिससे उन्हें पढ़ना आसान हो सके। निर्वाचन आयोग के अधिकारियों ने कहा कि अधिकांश राज्यों में आधे से ज्यादा मतदाताओं को संभवतः कोई दस्तावेज प्रस्तुत करने की आवश्यकता नहीं होगी, क्योंकि उनके नाम पिछले विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के बाद तैयार मतदाता सूची में शामिल होंगे।


विशेष गहन पुनरीक्षण की तैयारी

अधिकारियों ने बताया कि अधिकांश राज्यों में मतदाता सूची का अंतिम विशेष गहन पुनरीक्षण 2002 और 2004 के बीच हुआ था। अगले एसआईआर के लिए इस वर्ष को उनकी कट-ऑफ तारीख का आधार माना जाएगा। आयोग जल्द ही पूरे देश में विशेष गहन पुनरीक्षण की तारीख तय करेगा, और राज्यों में मतदाता सूची की समीक्षा का कार्य वर्ष के अंत से पहले शुरू हो सकता है। मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे पिछले एसआईआर के बाद प्रकाशित अपनी राज्यों की मतदाता सूची तैयार रखें।